PROBA: ISRO ने प्रोबा-3 मिशन को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजकर दिखाया दम

Update: 2024-12-05 12:39 GMT

PROBA: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से पीएसएलवी-सी59 रॉकेट लॉन्च किया। यह रॉकेट यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रोबा-3 मिशन को लेकर उड़ान भरी। मिशन को बुधवार शाम 4 बजकर 8 मिनट पर लॉन्च किया जाना था, लेकिन प्रोपल्शन सिस्टम में आई खराबी के कारण इसकी लॉन्चिंग को एक दिन के लिए टाल दिया गया था।

प्रोबा-3, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसओ) के प्रोबा सीरीज का तीसरा सोलर मिशन है। खास बात यह है कि 2001 में प्रोबा सीरीज के पहले मिशन को लॉन्च किया था। प्रोबा-3 मिशन पर स्पेन, बेल्जियम, पोलैंड, इटली और स्विट्जरलैंड की टीमों ने काम किया है। इस मिशन पर करीब 1,778 करोड़ रुपये का खर्च आया है।

प्रोबा-3 मिशन का उद्देश्य सूर्य के कोरोना (sun's corona) का अध्ययन करना है, जो सूर्य के बाहरी वातावरण का हिस्सा है। सूर्य का कोरोना अत्यधिक गर्म होता है, और इसका तापमान 20 लाख डिग्री फेरनहाइट (करीब 1.1 मिलियन डिग्री सेल्सियस) तक पहुंच सकता है। यह तापमान सूर्य की सतह के तापमान से लगभग 300 से 400 गुना अधिक है, जो कि वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ा रहस्य बना हुआ है। प्रोबा-3 में दो प्रमुख सैटेलाइट्स शामिल हैं- कोरोनाग्राफ और ऑकल्टर। कोरोनाग्राफ का उद्देश्य सूर्य के कोरोना की तीव्र रोशनी को कम करना है, जिससे वैज्ञानिक सूर्य के कोरोना का अधिक सटीकता से अध्ययन कर सकें। दोनों सैटेलाइट्स मिलकर सूर्यग्रहण की स्थिति उत्पन्न करेंगे, जिससे सूर्य के कोरोना के अध्ययन में मदद मिलेगी। 

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