देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन पटरी पर दौड़ने को तैयार, ट्रायल शुरू, जानें क्या हैं इसकी खूबियां
रेल मंत्रालय ने हाइड्रोजन ट्रेनों के निर्माण के लिए 2800 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं;
नई दिल्ली। भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन बनकर तैयार हो चुकी है। जिंद-सोनीपत के 89 किलोमीटर के रूट पर आज इसका ट्रायल शुरू होने जा रहा है, जो की एक हफ्ते तक चलेगा। इस दौरान ट्रेन की तकनीकी क्षमता और सुरक्षा मानकों का मूल्यांकन किया जाएगा। इस ट्रेन का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए किया है।
क्या है हाइड्रोजन ट्रेन की खूबियां?
यह हाइड्रोजन ट्रेन शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य का समर्थन देती है। इन्में 1200 हॉर्सपावर की क्षमता है। 8 कोच वाली इस ट्रेन में एक बार में 2638 यात्री बैठ सकते हैं, जिसके साथ ही यह ट्रेन दुनिया की सबसे लंबी हाइड्रोजन ट्रेनों में शामिल होगी। वहीं यह ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने की क्षमता रखती है। ये हाइड्रोजन ट्रेन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में अहम भूमिका निभाएगी। साथ ही ये स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रेल मंत्रालय ने दिया इतना बजट
रेल मंत्रालय ने अपने विशेष प्रोजेक्ट ‘हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज’ के तहत हाइड्रोजन ट्रेनों के निर्माण के लिए 2800 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसके अंतर्गत ऐसी 35 ट्रेनें तैयार की जा रही हैं। इसके अलावा हेरिटेज रूट पर हाइड्रोजन से संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 600 करोड़ रुपये अलग से आवंटित किए गए हैं।