INDIA जाएगा मणिपुर मिलेंगे पीड़ितों से

मणिपुर में जो हिंसा हुई उससे वहां से पलायन कर चुके लगभग 13 हजार कुकी समुदाय के लोग मिजोरम में शरण ले चुके हैं। मणिपुर के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं वहां महिलाओं को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है ।

Update: 2023-07-28 09:13 GMT

देश का एक राज्य मणिपुर (Manipur) जहां पिछले 3 महीनों से भी ज्यादा समय से हिंसा हो रही है। अफसोस जनक बात है की वहां से अभी भी रोज कोई ना कोई बुरी खबर आ ही जाती है । पर वहां के मुख्यमंत्री अपने राज्य को संभालने की जगह पड़ोसी राज्य मिजोरम के मुख्यमंत्री और वह कुकी समुदाय के समर्थन में निकली रैली को कोसने में लगे है। इस बीच खबर आई है कि समूचा विपक्ष संगठन इंडिया (INDIA) के सांसदों की एक टीम 29 और 30 जुलाई को मणिपुर जा रही हैं। यह सांसद वहां के पीड़ितों से मिलने वाले हैं।

अगला हफ्ता मणिपुर मामले पर बेहद महत्वपूर्ण होने जा रहा है क्योंकि सोमवार से इसी मुद्दे पर संसद में चर्चा भी होनी है। दरअसल विपक्ष द्वारा सरकार पर लगाया गया अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है। जिसमें मुख्य विषय मणिपुर ही होगा इसीलिए शायद विपक्ष इस विषय को और भी उठाने के लिए सीधे मणिपुर में जाकर वहां की सच्चाई अपने आंखों से देखना चाहते हैं। 

जिससे वास्तविकता और भी ज्यादा अच्छी तरह से सामने आ पाएगी। हालांकि इससे पहले कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भी मणिपुर जा कर आ चुके हैं। पर तब वह दो महिलाओं का वीडियो सामने नहीं आया था तब भी राहुल गांधी की यात्रा में कई अड़चनें डाली गई थी। इसलिए यह कहना मुश्किल होगा कि इन सांसदों को आसानी से उन पीड़ित कब जाने का मौका मिलेगा जहां एक तरफ मणिपुर चल रहा है। 

वहीं दूसरी तरफ महा के मुख्यमंत्री दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री को उनके राज्य में दखल न देने के लिए सलाह दे रहे हैं। सोचिए जो राज्य खुद ही जल रहा हो वह दूसरों को सलाह कैसे दे सकता है। अगर मामला उनके अपने राज्य का ही है तो उसे सुलझाने में तो वह कब के नाकामयाब साबित हो चुके हैं। इस मामले में मिजोरम के मुख्यमंत्री ने साफ कह दिया है कि वे अपने राज्य में कुछ भी करें किसी भी रैली का हिस्सा बने इससे मणिपुर के मुख्यमंत्री को कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए।

दरअसल मणिपुर में जो हिंसा हुई उससे वहां से पलायन कर चुके लगभग 13 हजार कुकी समुदाय के लोग मिजोरम में शरण ले चुके हैं। मणिपुर के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं वहां महिलाओं को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है ।

1 दिन पहले ही मणिपुर के एक और जिले में भीड़ द्वारा सुरक्षाबलों की दो बसों को आग लगा दी गई थी। इसके अलावा मैतई समुदाय की महिलाओं का एक समूह भी बहुत बड़ी समस्या बन चुका है। दरअसल जब भी सुरक्षा बल कोई कार्यवाही करने की कोशिश करते हैं। तब यह दल उनके सामने मशालें लेकर दीवार की तरह खड़े हो जाते हैं । इन महिलाओं की संख्या 2 से 3 हजार बताई जा रही है जिनके कारण सुरक्षाबलों को रुकना पड़ता है। जिससे दंगाई या तो भाग जाते हैं छुपने में कामयाब हो जाते हैं। इन महिलाओं के कारण सुरक्षा बल कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं और मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठकर दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री को ज्ञान दे रहे हैं ।देखना होगा विपक्ष की इस यात्रा का केंद्र सरकार और आने वाले मानसून सत्र पर क्या असर होता है।

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