ट्रंप के टैरिफ से मचा हाहाकार, दुनियाभर में गिरे शेयर, फिसला तेल

सोमवार का दिन बाजारों के लिए काला साबित हुआ जब निवेशकों में मंदी को लेकर बढ़ती चिंता के बीच वैश्विक बाजारों में बिकवाली तेज हो गई।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-04-07 15:15 GMT

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के चलते दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली। सोमवार का दिन बाजारों के लिए काला साबित हुआ जब निवेशकों में मंदी को लेकर बढ़ती चिंता के बीच वैश्विक बाजारों में बिकवाली तेज हो गई।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने टैरिफ को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए अमेरिका के लोगों से “मजबूत, साहसी और धैर्यवान” बने रहने की अपील की। इसके कुछ ही मिनटों बाद न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में तीन प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई।

हांगकांग का बाजार करीब 13.2 प्रतिशत गिरा, जो पिछले लगभग तीस वर्षों में सबसे बड़ी गिरावट है। ताइपे के शेयर बाजार ने भी रिकॉर्ड गिरावट झेली और 9.7 प्रतिशत नीचे बंद हुआ। टोक्यो में करीब आठ प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

जर्मनी के फ्रैंकफर्ट बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान 10 प्रतिशत तक की गिरावट आई, हालांकि बाद में यह घाटा घटकर करीब 4.6 प्रतिशत रह गया।

बिटकॉइन में भी भारी गिरावट देखी गई, जबकि डॉलर की स्थिति मिश्रित रही।

कैपिटल इकोनॉमिक्स के एशिया पैसिफिक प्रमुख थॉमस मैथ्यूज ने कहा कि वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप अगर चाहें तो टैरिफ में कटौती कर सकते हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो हालात और बिगड़ सकते हैं।

शनिवार से विश्वभर से आने वाले सामानों पर 10 प्रतिशत की नई दर से टैरिफ लागू किया गया है। बुधवार से कई देशों पर अतिरिक्त शुल्क लागू होंगे, जिसमें चीन से आने वाले सामान पर 34 प्रतिशत और यूरोपीय संघ के उत्पादों पर 20 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा।

बीजिंग ने भी जवाबी कदम उठाते हुए गुरुवार से अमेरिकी सामान पर 34 प्रतिशत टैक्स लगाने की घोषणा की है। कनाडा ने सोमवार को अमेरिका के ऑटो टैरिफ के खिलाफ WTO में शिकायत दर्ज की।

यूरोपीय संघ ने अमेरिका को कारों और औद्योगिक सामानों पर टैरिफ खत्म करने का प्रस्ताव दिया है, जबकि जापान ने भी वॉशिंगटन के साथ बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई है।

हालांकि कुछ उम्मीदें थीं कि राष्ट्रपति ट्रंप मौजूदा संकट को देखते हुए अपनी नीति पर पुनर्विचार करेंगे, लेकिन रविवार को उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक व्यापार घाटा खत्म नहीं होता, वह किसी भी समझौते के पक्ष में नहीं हैं।

ट्रंप ने कहा कि कई बार किसी चीज को ठीक करने के लिए "कड़वी दवा" जरूरी होती है। उन्होंने यह भी कहा कि शेयर बाजारों में आई गिरावट से लाखों अमेरिकियों की सेवानिवृत्ति की बचत पर असर पड़ा है।

सोमवार को उन्होंने अमेरिकी नागरिकों से अपील की, “कमजोर मत बनो! मूर्ख मत बनो!... मजबूत बनो, साहसी बनो और धैर्य रखो, यही रास्ता सफलता का है।”

जेपी मॉर्गन चेस के सीईओ जेमी डाइमन ने शेयरधारकों को एक पत्र में चेतावनी दी कि ट्रंप की व्यापक टैरिफ नीति से महंगाई बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि इससे मंदी आएगी या नहीं, लेकिन विकास दर पर असर जरूर पड़ेगा।

पहली तिमाही के नतीजों की शुरुआत के साथ कंपनियों द्वारा जारी की जाने वाली रिपोर्ट्स से बाजार की स्थिति और प्रभावित हो सकती है।

सोमवार को बाजार की गिरावट हर सेक्टर में देखी गई। टेक कंपनियां, वाहन निर्माता, बैंक, कैसीनो और ऊर्जा क्षेत्र सभी प्रभावित हुए।

तेल की मांग को लेकर चिंताओं के बीच कच्चे तेल की कीमतों में भी तीन प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई, जबकि शुक्रवार को इसमें सात प्रतिशत की गिरावट आई थी।

तेल की कीमतें 2021 के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गईं। रूस की सरकार ने भी कहा कि वह गिरती तेल कीमतों पर नजर रख रही है क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक तेल पर निर्भर है।

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