कॉमेडियन कुणाल कामरा ने एफआईआर के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया, मद्रास हाईकोर्ट ने भी दी बड़ी राहत

कुणाल कामरा की याचिका में तर्क दिया गया है कि उनके खिलाफ शिकायतें भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं।;

Update: 2025-04-07 12:08 GMT

मुंबई। स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर "देशद्रोही" टिप्पणी को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है। याचिका में कहा गया है कि यह मामला उनके मौलिक अधिकारों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, पेशे की आज़ादी और जीवन व स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है। वहीं मद्रास हाईकोर्ट ने भी उनकी अंतिम अग्रिम जमानत की अवधि बढ़ा दी है।

कुनाल कमरा ने एकनाथ शिंदे के बारे में क्या कहा था?

एक शो में कामरा ने शिंदे का नाम लिए बिना 'दिल तो पागल है' फिल्म के एक गाने को बदलकर उन्हें 'गद्दार' कहा था और उद्धव ठाकरे के खिलाफ उनके विद्रोह पर कटाक्ष किया था। इसके बाद शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत पर मुंबई के खार थाने में उनके खिलाफ IPC की धारा 353(1)(बी) और 356(2) के तहत एफआईआर दर्ज हुई। जलगांव और नासिक की तीन अन्य एफआईआर भी खार पुलिस को सौंप दी गई हैं।

मद्रास हाईकोर्ट ने दी राहत

कामरा को मुंबई पुलिस की ओर से तीन बार समन भेजे गए, लेकिन उन्होंने पूछताछ में पेशी नहीं दी। उन्हें मद्रास हाईकोर्ट से 7 अप्रैल तक अंतरिम अग्रिम जमानत मिली थी, क्योंकि वह तमिलनाडु के निवासी हैं। उन्हें मुंबई आने पर गिरफ्तारी और अपनी जान को खतरा होने की आशंका थी। अब मद्रास हाईकोर्ट ने कुणाल कामरा की अंतरिम जमानत 17 तक अप्रैल तक बढ़ा दी है।

सोशल मीडिया पर जारी बयान में कामरा ने साफ किया कि वह माफ़ी नहीं मांगेंगे

"मैं माफ़ी नहीं मांगूंगा... मुझे इस भीड़ से डर नहीं लगता और मैं अपने बिस्तर के नीचे छिपकर इस घटना के शांत होने का इंतज़ार नहीं करूंगा," कामरा ने लिखा, साथ ही उन्होंने कहा कि उनका बयान बिल्कुल वैसा ही था जैसा "श्री अजीत पवार (प्रथम उपमुख्यमंत्री) ने श्री एकनाथ शिंदे (द्वितीय उपमुख्यमंत्री) के बारे में कहा था।"

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