राहुल गांधी से अनबन या पार्टी की अनदेखी, क्यों हुआ कमलनाथ का कांग्रेस से मोहभंग? पढ़ें इनसाइड स्टोरी
कांग्रेस नेता कमलनाथ के अपने बेटे नकुलनाथ के साथ भाजपा में शामिल होने की चर्चा है। कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ कई विधायक पूर्व विधायक और कई स्थानीय नेताओं के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कमलनाथ का कांग्रेस से मोहभंग अचानक नहीं हुआ है। इसके पीछे कई सारी वजह है |
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को लगातार झटके पे झटके लग रहे हैं। हर दूसरे दिन कोई बड़ा नेता पार्टी छोड़ रहा है। इस बीच अब मध्य प्रदेश से भी कांग्रेस को बुरी खबर मिलती दिख रही है। दरअसल, पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ अपने सांसद बेटे नकुलनाथ के साथ पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
कमलनाथ न सिर्फ अपने बेटे नकुलनाथ बल्कि कई विधायक, पूर्व विधायक और कई स्थानीय नेताओं के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस पार्टी के लिए कमलनाथ का जाना मध्यप्रदेश में पार्टी के लिए दूसरा बड़ा झटका होगा। इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे।
कमलनाथ का कांग्रेस से मोहभंग अचानक नहीं हुआ, इसकी शुरुआत विधानसभा चुनाव से हुई और राज्यसभा चुनाव पर ये खत्म हुई।
विधानसभा चुनाव से पहले से बढ़ी अनबन
कमलनाथ की कांग्रेस पार्टी से अनबन कोई हालिया घटना नहीं है। इसकी शुरुआत मध्य प्रेदश के विधानसभा चुनाव के पहले से हो गई थी। दरअसल, विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला को प्रदेश प्रभारी बनाया था, उस समय कमलनाथ के हाथ में कांग्रेस की चुनावी बागडोर थी। उस दौरान सुरजेवाला और कमलनाथ के बीच कई मुद्दों पर असहमति थी और वहीं से अनबन शुरू हुई थी।
राहुल गांधी के साथ भी बढ़ी खटास
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद इसका ठीकरा कमलनाथ पर ही फोड़ा गया था। राहुल गांधी भी हार से नाराज हुए और इसके बाद कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया और जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
कमलनाथ को सदन में नेता प्रतिपक्ष तक का पद नहीं दिया गया और उमंग सिंघार को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद से ही कमलनाथ ने प्रदेश की राजनीति से दूरी बना ली थी।
राज्यसभा चुनाव में भी कमलनाथ की अनदेखी
राज्यसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की सीट पर सबसे पहले कमलनाथ का नाम चर्चा में था, लेकिन यहां भी उनकी अनदेखी हुई। माना जा रहा था कि कांग्रेस से कमलनाथ राज्यसभा जाएंगे, लेकिन कांग्रेस ने यहां अजय सिंह को मौका दिया और कमलनाथ के हाथ इस बार भी खाली रहे।