Myanmar Earthquake update: मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,600 हुई, हजारों घायल

शनिवार शाम तक म्यांमार और थाईलैंड में कुल 1,600 से अधिक लोगों की जान जा चुकी थी, जिनमें से अकेले म्यांमार में 1,644 मौतें दर्ज की गईं।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-03-29 15:44 GMT

म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में आए शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई, जिससे कई इमारतें धराशायी हो गईं और मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शनिवार शाम तक म्यांमार और थाईलैंड में कुल 1,600 से अधिक लोगों की जान जा चुकी थी, जिनमें से अकेले म्यांमार में 1,644 मौतें दर्ज की गईं।

शुक्रवार दोपहर 12:50 बजे म्यांमार के सगाइंग क्षेत्र के उत्तर-पश्चिम में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसकी गहराई मात्र 10 किलोमीटर थी। इसके कुछ ही मिनटों बाद 6.7 तीव्रता का एक और झटका और कई छोटे झटके महसूस किए गए।

इस भूकंप का असर भारत से लेकर चीन, कंबोडिया और लाओस तक महसूस किया गया। म्यांमार की सैन्य सरकार ने बताया कि देश में मृतकों की संख्या 1,000 से अधिक हो गई है। वहां पहले से जारी गृहयुद्ध के कारण आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हुई हैं, जिससे राहत और बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं।

थाईलैंड में भी भूकंप के कारण 10 लोगों की जान चली गई। अधिकतर मौतें बैंकॉक के चातुचक मार्केट के पास एक निर्माणाधीन इमारत के गिरने से हुईं। मलबे में 100 से अधिक मजदूरों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।

म्यांमार के मांडले में कई इमारतें ढह गईं, जिससे पूरे इलाके में मलबे के ढेर और तहस-नहस हो चुकी धातु के ढांचे नजर आ रहे हैं। स्थानीय लोग और राहत दल मलबे में फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं। वहीं, करीब 100 साल पुराना अवा ब्रिज, जो सगाइंग से इरावदी नदी को जोड़ता था, टूटकर पानी में समा गया।

भूकंप की भयावहता को देखते हुए म्यांमार की सैन्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की है। सेना प्रमुख मिन आंग हलाइंग ने किसी भी देश और संगठन से सहायता मांगी है।

भारत ने सबसे पहले मदद की पेशकश की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप से हुई क्षति पर चिंता जताई और सहायता का भरोसा दिया। उन्होंने कहा, "म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति को लेकर चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और कुशलता की प्रार्थना करता हूं। भारत हरसंभव सहायता देने के लिए तैयार है। मैंने संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने और म्यांमार-थाईलैंड सरकारों से संपर्क में रहने के निर्देश दिए हैं।"

भारतीय वायुसेना ने अपने हिंडन एयरबेस से 15 टन राहत सामग्री भेजी, जिसमें तंबू, कंबल, पानी शुद्ध करने के उपकरण और जरूरी दवाएं शामिल हैं। 'ऑपरेशन ब्रह्म' के तहत भारत ने 80 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) कर्मियों की एक टीम भी म्यांमार भेजने का फैसला किया है, जो राहत और बचाव कार्यों में मदद करेगी।

थाईलैंड सरकार ने प्रधानमंत्री पैतोंगतान शिनावात्रा के नेतृत्व में आपात बैठक बुलाई और हालात का जायजा लिया। भारतीय दूतावास ने जानकारी दी कि थाईलैंड में किसी भी भारतीय नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन सभी को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

यूरोपीय संघ और अमेरिका ने भी म्यांमार को सहायता देने का आश्वासन दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वॉशिंगटन म्यांमार प्रशासन के संपर्क में है और जल्द ही मदद भेजी जाएगी।

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