सैन्य काफिले पर हमले का दहशतगर्दों ने बनाया वीडियो, जंगल के चप्पे-चप्पे थे वाकिफ, रेकी..

By :  SaumyaV
Update: 2023-12-22 06:10 GMT

पुंछ जिले के बफलियाज इलाके के सावनी क्षेत्र में वीरवार की शाम आतंकियों के घात लगाकर दो सैन्य वाहनों पर किए गए हमले में पांच जवान बलिदान हो गए, जबकि दो जवान घायल भी हुए हैं। दहशतगर्दों ने पहले ग्रेनेड दागे, फिर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। हमले के तत्काल बाद जवानों ने मोर्चा संभालते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया। 

पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने एक बार फिर पुंछ जिले में बड़ा हमला कर सेना को भारी नुकसान पहुंचाया है। यह वही आतंकी हैं, जिसने इसी साल 20 अप्रैल को भिंबर गली में सैन्य काफिले पर हमला किया था। इसमें सेना के पांच जवानों का बलिदान हुआ था। 

वीरवार को राजोरी-थन्नामंडी-सुरनकोट रोड पर जिस सावनी इलाके में हमला हुआ, यह भिंबर इलाके से जंगल के रास्ते से 12 किलोमीटर दूर है। दहशतगर्द कई महीनों से इस इलाके की रेकी कर रहे थे और चप्पे-चप्पे के वाकिफ थे। इस इलाके से सेना के वाहन गुजरते हैं, इसी का फायदा उठाकर आतंकियों ने वीरवार को हमला कर दिया।

सूत्रों के अनुसार, जिन सैन्य जवानों के ऊपर घात लगाकर हमला किया गया, ये वही आतंकी हैं, जिन्होंने इसी साल 20 अप्रैल को भिंबर गली में सेना के काफिले पर हमला किया था। सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने वारदात का एक वीडियो भी बनाया है। हालांकि इसे अभी तक जारी नहीं किया गया है।

इन दोनों हमलों के इलाकों का आपस में अंतर 12 किलोमीटर का है। आतंकी इसी इलाके में अक्सर आते-जाते रहे हैं। सबसे अहम बात यह है की भिबंर गली में हमला करने वाले आतंकी अब तक जिंदा थे, सुरक्षा एजेंसी के पास इसकी पुख्ता जानकारी थी।

खुफिया एजेंसियों ने इसके बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को सूचित भी किया था। यह बताया गया था कि नववर्ष के आसपास आतंकी फिर से बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। तमाम इनपुट होने के बावजूद हमला हुआ, जो सुरक्षा में एक बड़ी चूक माना जा रहा है।

पिछले पांच महीनों से इलाके में घूम रहे थे आतंकी

खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार जिस इलाके में हमला हुआ है इसमें पिछले पांच महीनों से आतंकी घूम रहे थे। इन दहशतगर्दों ने यहां अपना पर पूरा नेटवर्क बना रखा था, जहां पर इन्होंने अपने रहने खाने-पीने, हथियार जुटाने और सेना की मूवमेंट की पल-पल की जानकारी लेने का नेटवर्क बना रखा था। आतंकियों के पास पूरी जानकारी थी कि किस समय पर सेना के फाफिले यहां से गुजरेंगे हैं।

रिहायशी इलाकों से हट कर जंगलों में हमले कर रहे आतंकी

पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने कुछ समय से अपनी रणनीति में भारी बदलाव लाया है। आतंकवाद के दौर में आतंकी रिहायशी क्षेत्र के आसपास से सुरक्षा बलों पर हमले करते थे। वहीं, अब आतंकी रिहायशी इलाकों से हटकर सुनसान और जंगली इलाकों में सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं। इसका जीता जागता प्रमाण है कि वीरवार को सुरनकोट तहसील के देहरा गली क्षेत्र के सावनी गली में आतंकियों द्वारा दो सैन्य वाहनों पर हमला किया गया।

इससे पूर्व भी आतंकियों ने भाटादूड़ियां और चमरेड़ में इसी प्रकार रिहायशी क्षेत्र से दूर जंगली और सुनसान क्षेत्र में ही सुरक्षा बलों को निशाना बनाया था। सूत्रों के अनुसार पहले आतंकी इलाकों में इस प्रकार के हमलों को अंजाम देकर अपनी जान बचाने के लिए घरों में घुस जाते थे।

लेकिन, अब आतंकवादियों सुनसान और जंगली क्षेत्रों में इस प्रकार के हमलों को अंजाम देकर खुद को जंगलों में ही छुपा रहे हैं। क्योंकि, दो-ढाई वर्षों से उस पार से आने वाले अधिकतर आतंकी जंगली क्षेत्रों में रहने, छुपने और समय बिताने में काफी माहिर हैं। उन्हें इसी प्रकार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे अपना अधिकतर समय जंगलों में बिता सकें।

राजोरी, पुंछ और रियासी में आतंक पर वार, अब तक 28 मार गिराए

2023 में पुंछ, राजोरी और रियासी जिले कई बड़े आतंकी हमलों का गवाह बने। इस साल अब तक इन तीन जिलों में आतंक विरोधी अभियान में 28 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया, जबकि 19 सुरक्षाकर्मी बलिदान हुए हैं। राजोरी जिले में हुए आतंकी हमलों में 10 आतंकी मारे गए, जबकि 14 जवान बलिदान हुए हैं। पुंछ जिले में 15 आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया, जबकि पांच जवान भी बलिदान हुए हैं।

रियासी में तीन आतंकी मारे गए। इनमें से अधिकांश आतंकवादी सीमा के इस पार घुसने का प्रयास करते समय मारे गए हैं। सैन्य अधिकारी के अनुसार, अक्तूबर 2021 में जंगली इलाके में आतंकवादियों के दो अलग-अलग हमलों में नौ सैनिक बलिदान हुए थे। जबकि 11 अक्तूबर को चमरेड में एक जेसीओ सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हुए और 14 अक्तूबर को पास के जंगल में एक जेसीओ और तीन सैनिक बलिदान हुए थे। 

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