Rahul Gandhi : राहुल गांधी के साथ लालू यादव, तेजस्वी यादव, दीपांकर भी नहीं , विपक्षी एकता में क्या चल रहा आखिर?

Update: 2024-02-15 11:17 GMT

दल मिल रहे, दिल नहीं। घर में मीट पार्टी हुई, फिर भी नहीं। कई मीटिंग कर ली, फिर भी नहीं। नीतीश कुमार जैसे अहम किरदार टूटकर टूट निकल गए, फिर भी नहीं। यह लाइनें मजबूरी में लिखनी पड़ रही, क्योंकि हकीकत सामने है। जनवरी के अंत में जब बिहार में तुरंत राजनीतिक उलटपलट हुआ था, तब कांग्रेस के नंबर वन नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के क्रम में राज्य के पहले दौरे पर आए थे। तब की बात अलग थी, अब शांति है। फिर भी, उनकी यात्रा में न्यौते के बावजूद लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, दीपांकर भट्टाचार्य जैसे नेता नहीं पहुंच रहे।

नीतीश-लालू-तेजस्वी को बुलावा था

राहुल गांधी की न्याय यात्रा के लिए जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव को विशेष रूप से बुलावा मिला था। ऐसे ही वामपंथी बड़े नेताओं को भी विपक्षी एकता दिखाने के लिए न्याय यात्रा में साथ होना था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इन सभी को न्यौता दिए जाने की बात कही थी, लेकिन आने की गारंटी का सवाल टाल गए थे। बिहार में 23 जून को विपक्षी एकता की पहली बैठक बुलाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले महीने की 28 तारीख को नाटकीय घटनाक्रम के बाद महागठबंधन तोड़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सीएम बन गए। इसलिए, अब उनके जाने की बात तो थी नहीं। ऐसे में विपक्षी एकता की ताकत दिखाने के लिए लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और बिहार में मौजूद रहे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य की मौजूदगी से अच्छा संदेश जा सकता था। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह अभी जरूरी भी था।

नहीं जाने वालों ने यह बहाना बनाया

इस कार्यक्रम में इंडी गठबंधन के सहयोगी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव और भाकपा (माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के नहीं पहुंचने की अलग-अलग वजह बताई गई। लालू और तेजस्वी यादव के बारे में कहा गया कि दोनों नेता राजद की ओर से राज्यसभा उम्मीदवार बनाए गए मनोज झा और संजय यादव के साथ विधानसभा गए थे। इसलिए औरंगाबाद नहीं जा पाए। वहीं दीपांकर भट्टाचार्य ने अपने विधायक मनोज मंजिल को उम्रकैद की सजा मिलने के अपने सभी कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। हालांकि, सूत्र बता रहे हैं राज्यसभा उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के कारण दीपांकर नाराज हैं। 

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