ममता बनर्जी ने ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को मानने से किया इनकार! कहा-चालू रहेगा आरक्षण

By :  Neeraj Jha
Update: 2024-05-23 11:26 GMT


कोलकाता। टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने 2010 के बाद जारी किए गए ओबीसी सर्टिफिकेट को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह न्यायालय का सम्मान करती हैं लेकिन यह फैसला किसी भी कीमत पर नहीं मानेंगीं। आरक्षण पहले की तरह ही चालू रहेगा। उधर, भाजपा ने इस फैसले का स्वागत किया है।

बंगाल में कल हाई कोर्ट के इस फैसले के आने से भूचाल मच गया। आरक्षण के बलबूते वोट बैंक को मजबूत करने वाली ममता बनर्जी का इस फैसले से सिर फिर गया। इस फैसले से उपजे आक्रोश को आज ममता रोक नहीं पाई। आज बंगाल में आयोजित जनसभा में ममता बनर्जी ने स्पष्ट तौर पर ऐलान किया कि वह इस फैसले को नहीं मानेंगीं। उन्होंने कहा कि वह जज का सम्मान करती है लेकिन आरक्षण विरोधी इस फैसले को स्वीकार कर लेना उनके वश की बात नहीं। उन्होंने कहा कि 2010 के बाद जारी किए गए ओबीसी सर्टिफिकेट पर कोई आंच नहीं आने देंगे और आरक्षण जारी रहेगा।

बता दें कि कल कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार की ओर से वर्ष 2010 के बाद जारी सभी ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए हैं। हाईकोर्ट ने फैसले में अप्रैल 2010 से सितंबर 2010 तक ओबीसी के तहत मुस्लिमों को 77 श्रेणियों में दिए आरक्षण व 2012 के कानून के तहत इनके लिए बनाई 37 श्रेणियों को निरस्त कर दिया।

उधर भारतीय जनता पार्टी ने हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि यह तमाम सर्टिफिकेट टीएमसी ने अपने वोट बैंक यानी मुसलमानों को दिए थे। उधर, पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष पिछड़ा दलितों का आरक्षण छीन कर वोट बैंक को देना चाहता है लेकिन मोदी ऐसा होने नहीं देगा।

Tags:    

Similar News