ट्रंप सरकार में एलान मस्क को मिला बड़ा पद, अब इनके इशारों पर चलेगा अमेरिका! जानें क्या भारत में भी किसी उद्योगपति की होगी सरकार में एंट्री ?
नीरज झा
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए सरकार में उद्योगपतियों के प्रवेश का रास्ता खोल दिया है। ट्रंप ने एलोन मस्क को अपनी सरकार में डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का प्रमुख बनाया है। अब एलोन मस्क अमेरिका के प्रमुख विभागों की कार्यशैली और कुशलता को अपने पैमाने पर मापेंगे। वह मंत्रिमंडल के सभी प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करेंगे और उन्हें यह निर्देश देंगे कि इन कार्यों को कैसे कम बजट में पूरा किया जा सकता है। इसके अलावा वह गैर-जरूरी विभागों और संस्थाओं को बंद कर देंगे और सरकारी कर्मचारियों की छंटनी भी करेंगे ह सभी अधिकार उन्हें दिए गए हैं। अब सवाल उठता है कि क्या वह अपने इस प्रभाव का फायदा अपनी कंपनी को पहुंचाएंगे या सरकार को? इस सवाल का जवाब तो वक्त ही देगा। लेकिन यह सवाल महत्वपूर्ण है कि एक बिजनेस मैन के लिए उनका देश बड़ा होगा या उनका व्यापार। इन सवालों के बीच यह भी जान लें कि एलोन मस्क का अनुभव सिर्फ व्यापार में है। जबकि देश हमेशा से राजनेताओं द्वारा चलाए जाते हैं। यह बात भी गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप भी एक बड़े बिजनेसमैन हैं और उनके पास पूरी दुनिया में विशाल संपत्ति है। इसी तरह एलोन मस्क अपनी जिंदगी का अधिकांश समय पैसे कमाने में व्यतीत कर चुके हैं। उनके पास 26 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है। जो कि पाकिस्तान की पूरी जीडीपी के बराबर है। एलोन मस्क एक बहुत ही महत्वाकांक्षी व्यक्ति रहे हैं। शायद इसलिए वह दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। अब उनकी यह महत्वाकांक्षा क्या रंग लाएगी। यह आने वाला समय ही बताएगा।
ट्रंप सरकार ने एलोन मस्क को यह पद क्यों दिया?
भारत का बजट सिर्फ 48 लाख करोड़ रुपये का है। जबकि अमेरिका का बजट 533 लाख करोड़ रुपये का है। एलोन मस्क ने यह आश्वासन दिया है कि इस बजट में वह अपनी कार्यशैली से 170 लाख करोड़ रुपये की बचत कर देंगे। एलोन मस्क के साथ एक और प्रमुख पदाधिकारी विवेक रामास्वामी बने हैं।जिन्होंने कहा कि वह व्यवस्था सुधारने के लिए कई विभागों को बंद कर देंगे और जमकर छंटनी करेंगे। चौंकाने वाली बात यह है कि ऐतिहासिक जीत पाने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने छंटनी की इस शर्त को स्वीकार कर लिया है।तो भविष्य में इसका परिणाम देखने को मिल सकता है।
क्या भारतीय जनता सरकार में किसी उद्योगपति की एंट्री सहन कर पाएगी?
वैसे तो भारत में भी ऐसे विभाग की जरूरत है जो तमाम विकास परियोजनाओं की समीक्षा कर सके और उन्हें आगे बढ़ाने में मददगार साबित हो सके क्योंकि भारत में सैकड़ों परियोजनाओं का काम थम सा गया है। कई योजनाएं लंबित हैं तो कई पुल गिर जाते हैं। अगर इन परियोजनाओं पर नजर रखने के लिए कोई विभाग हो ।तो इसमें कोई संदेह नहीं कि देश तरक्की करेगा। लेकिन भारत सरकार में किसी उद्योगपति की एंट्री अमेरिका की तर्ज पर संभव हो पाएगी? फिलहाल तो ऐसी कल्पना करना मुश्किल लगता है। लेकिन कोई नहीं जानता कि भविष्य में भारत में ऐसा नहीं होगा क्योंकि कभी किसी ने यह कल्पना नहीं की थी कि अमेरिका में उद्योगपति सरकार का हिस्सा बनेंगे। फिलहाल ट्रंप ने सरकार में व्यापार की परंपरा की शुरुआत तो कर ही दी है।