अब रेंट एग्रीमेंट की भी होगी रजिस्ट्री, जानें क्या होंगे नियम और कितनी लगेगी स्टांप ड्यूटी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार अब किरायेदारी समझौते पर बड़ा निर्णय लेने जा रही है, जिसका सीधा असर मकान मालिक और किरायेदारों पर पड़ेगा। सरकार किरायेदारी समझौतों के पंजीकरण को बढ़ावा देने की योजना बना रही है ताकि संपत्ति की सुरक्षा की जा सके। किरायेदारी समझौते के नियमों में बड़े बदलाव किए जाने की योजना है। पंजीकरण को बढ़ावा देने के लिए स्टांप ड्यूटी बहुत कम रखने की सिफारिश की गई है। यह प्रस्ताव जल्दी ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
स्टांप और रजिस्ट्रेशन मंत्री रविंद्र जायसवाल ने कहा कि किरायेदारी का पंजीकरण मकान मालिक और किरायेदार के बीच विवादों के मामलों को कम करेगा। यह कदम दोनों पक्षों के हितों की रक्षा करने के लिए उठाया जा रहा है। अब, एक साल के किरायेदारी समझौते पर न्यूनतम स्टांप ड्यूटी 500 रुपये से लेकर अधिकतम 20,000 रुपये तक ली जाएगी।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद रेंट एग्रीमेंट नियम
1. एक साल तक के एग्रीमेंट पर किराए का 2 फीसदी स्टाम्प शुल्क
2. दो लाख रुपये तक के किराए पर केवल 500 रुपए स्टाम्प शुल्क
3. पांच लाख रुपये तक के किराए पर महज 5000 रुपये स्टाम्प शुल्क
4. एक करोड़ या इससे ज्यादा के किराए पर केवल 20000 रुपये स्टाम्प शुल्क