बोले मोहन भागवत, अगर कोई गलत रास्ता अपनाता है तो राजा का कर्तव्य है प्रजा की रक्षा करना, समझाया अहिंसा का मतलब!
नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश के लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ काफी आक्रोश है। आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाक के खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया है। वहीं अब इस हमले पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि ये हमला याद दिलाता है कि ये लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच है।
अत्याचार करने वालों को सबक सिखाना हमारा धर्म
उन्होंने कहा कि लोगों से उनका धर्म पूछा गया और उनकी हत्या कर दी गई। हिंदू कभी भी ऐसा नहीं करेगा। भगवान ने उसका संहार किया। ये हिंसा नहीं अहिंसा है। अहिंसा हमारा धर्म है लेकिन अत्याचार करने वालों को धर्म सिखाना अहिंसा है। हम कभी भी अपने पड़ोसियों का नुकसान नहीं करते। इसके बाद भी अगर कोई गलत रास्ता अपनाता है तो राजा का कर्तव्य है प्रजा की रक्षा करना। राजा अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि अत्याचार करने वालों को सबक सिखाना हमारा धर्म है।
नफरत और दुश्मनी हमारी संस्कृति में नहीं
बता दें कि मोहन भागवत ने इस दौरान कहा कि ये हमारा स्वाभाव नहीं है। नफरत और दुश्मनी हमारी संस्कृति में ही नहीं है लेकिन चुपचाप नुकसान सहना भी हमारी संस्कृति में नहीं है। हमारे दिलों में दर्द है। हम गुस्से में है। बुराई को खत्म करने के लिए हमें अपनी ताकत दिखानी होगी।
रावण का भी वध किया गया था क्योंकि उसने अपना मन बदलने से इनकार कर दिया था। कोई विकल्प ही नहीं बचा था। राम ने उसका वध किया लेकिन उसे सुधरने का मौका भी दिया गया, जब वो नहीं सुधरा तो उसके बाद ही उसका वध हुआ।
हमें एक मजबूत प्रतिक्रिया की उम्मीद
हालांकि इस दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि हमें एक मजबूत प्रतिक्रिया की उम्मीद है। एक सच्चे अहिंसक शख्स को मजबूत भी होना चाहिए। अगर ताकत नहीं है तो कोई विकल्प नहीं है लेकिन जब ताकत है तो जरूरत पड़ने पर वो दिखाई देनी चाहिए।