तीन साल तक फेफड़ों में छुपा चाकू का टुकड़ा, उड़ीसा के युवक की चौंकाने वाली सच्चाई...
नई दिल्ली। उड़ीसा के एक युवक के साथ जो हुआ, वो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। तीन साल पहले बेंगलुरु में चाकूबाजी का शिकार हुआ एक युवक संतोष दास बिना जाने अपने फेफड़े में 8 सेंटीमीटर लंबा चाकू का टुकड़ा लिए जी रहा था। यह बात सामने आने पर न सिर्फ उसके परिवार वाले, बल्कि डॉक्टर भी हैरान रह गए।
कैसे चला पता?
24 वर्षीय संतोष को पिछले एक साल से सूखी खांसी और बुखार की शिकायत थी। डॉक्टरों को टीबी का शक हुआ और उन्होंने नौ महीने तक इलाज भी किया, लेकिन सुधार नहीं हुआ। हालात तब बिगड़े जब संतोष ने खून की खांसी शुरू कर दी। तब परिवार उसे उड़ीसा के बरहामपुर स्थित MKCG मेडिकल कॉलेज लेकर गया।
X-Ray में हुआ रहस्य का खुलासा
जांच में डॉक्टरों को संतोष के दाहिने फेफड़े में एक धातु का टुकड़ा नजर आया। सीटी स्कैन और ब्रोंकोस्कोपी से पुष्टि हुई कि यह स्टील का चाकू है जो तीन साल से उसके शरीर में मौजूद था।
सर्जरी से निकाला गया चाकू
CTVS विभाग के डॉक्टरों और एनेस्थेसिया टीम ने मिलकर एक जटिल थोराकोटोमी सर्जरी की और चाकू को सफलतापूर्वक बाहर निकाला। यह टुकड़ा करीब 8 सेमी लंबा, 2.5 सेमी चौड़ा और 3 मिमी मोटा था।
चाकू कैसे पहुंचा फेफड़े तक?
संतोष ने बताया कि बेंगलुरु में मजदूरी के दौरान किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसके गले पर हमला किया था। उसे अस्पताल में इलाज मिला और फिर वह सामान्य जीवन जीने लगा। लेकिन किसी को नहीं पता था कि हमले के समय चाकू का टुकड़ा शरीर के अंदर ही रह गया था और धीरे-धीरे फेफड़े तक पहुंच गया, बिना किसी आंतरिक अंग को नुकसान पहुंचाए।
डॉक्टर भी रह गए दंग
डॉक्टरों ने बताया, “यह बेहद चौंकाने वाला था कि इतनी तेज और नुकीली चीज शरीर के अंदर तीन साल तक रही और फिर भी किसी अंग को क्षति नहीं पहुंची। यह एक दुर्लभ मामला है और मेडिकल साइंस के लिए भी एक अद्भुत अनुभव।” यह मामला इस बात का उदाहरण है कि अज्ञात दर्द या लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। और कभी-कभी शरीर के भीतर की कहानियां, हमारी कल्पना से कहीं ज़्यादा अनोखी होती हैं।