फिर से आओ राजा: नेपाल में राजशाही की बहाली की मांग को लेकर भारी प्रदर्शन, तोड़फोड़, फायरिंग, कर्फ्यू

नेपाल के राष्ट्रीय झंडे और ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह की तस्वीरों के साथ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने तिनकुने इलाके में घर में आग लगा दी।;

Update: 2025-03-28 12:09 GMT

काठमांडू। नेपाल में इस समय भारी हंगामा देखने के लिए मिल रहा है। नेपाल में राजशाही की मांग को लेकर सड़कों पर भारी प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। आज राजशाही समर्थकों ने काठमांडू की सड़कों पर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने सड़कों पर जमकर तोड़फोड़ की है। साथ ही बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की गई है।

हम राजशाही वापस चाहते हैं के नारे लगाए

बता दें कि नेपाल पुलिस ने राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों की है। वहीं नेपाल में राजधानी काठमांडू समेत तीन स्थानों पर कर्फ्यू के आदेश जारी किए गए हैं।

वहीं तिनकुने क्षेत्र में स्थिति बेकाबू होने के बाद पुलिस ने फायरिंग भी की है। यहां पर हजारों राजशाहीवादियों ने नेपाल में राजशाही की बहाली की मांग करते हुए 'राजा औ देश बचाऊ' (देश को बचाने के लिए राजा आएं), भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद और हम राजशाही वापस चाहते हैं जैसे नारे लगाए हैं।

बैरिकेडिंग को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ने की कोशिश की

फिलहाल जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार, नेपाल के राष्ट्रीय झंडे और ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह की तस्वीरों के साथ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने तिनकुने इलाके में घर में आग लगा दी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पथराव भी किया। यहां पर पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की थी। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने उसको तोड़ने की कोशिश की है।

2008 में 240 साल पुरानी राजशाही को किया खत्म

बता दें कि नेपाल के राजनीतिक दलों ने संसद की घोषणा के माध्यम से 2008 में 240 साल पुरानी राजशाही को खत्म कर दिया था और तत्कालीन हिंदू साम्राज्य को एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया।

वहीं नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र द्वारा लोकतंत्र दिवस पर एक वीडियो संदेश जारी किया गया था। इसके माध्यम से उन्होंने राजशाहीवादी राजशाही की बहाली की मांग की थी। नेपाल के अलग-अलग हिस्सों में धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद पोखरा से त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे ज्ञानेंद्र के समर्थन में राजशाही समर्थक कार्यकर्ताओं ने 9 मार्च को एक रैली भी आयोजित की थी।

राजशाही मुर्दाबाद जैसे नारे लगाए

जहां एक ओर राजशाही समर्थकों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। दूसरी तरफ सोशलिस्ट फ्रंट के नेतृत्व में हजारों राजशाही विरोधी समर्थक भृकुटीमंडप में एकत्र हुए और गणतंत्र प्रणाली जिंदाबाद, भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें और राजशाही मुर्दाबाद जैसे नारे लगाए हैं।

राजशाही विरोधी मोर्चे में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट जैसे राजनीतिक दल शामिल हुए थे। सीपीएन-माओवादी केंद्र के प्रमुख पुष्पकमल दहल प्रचंड सहित अन्य लोगों ने भृकुटिमंडप में सोशलिस्ट फोरम द्वारा आयोजित एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया।

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