बेंगलुरु की विपक्षी पार्टी की मीटिंग ममता बनर्जी के जाने के क्या है मायने ?
ममता बनर्जी के बेंगलुरु अपोजिशन पार्टी की मीटिंग के लिए तैयार होने का एक और कारण है। वह कारण है पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में टीएमसी की जीत। अब तक जहां टीएमसी अपोजिशन मीटिंग से पीछे हट रही थी। वहीं इस जीत ने उन्हें कहीं ना कहीं लीड करने का मौका मिल गया है।
2024 के लोकसभा चुनाव (Lok sabha Election) के लिए अब 1 साल से भी कम का समय बचा हुआ है। ऐसे में जहां बीजेपी (BJP) अपनी तीसरी पारी का इंतजार में है। वही विपक्षी दल एकजुट होकर मोदी सरकार (Modi Govt.) को रोकने के लिए तैयारियां कर ली है। इसी सिलसिले में पहले पटना और अब बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है। यह बात तो सभी जानते हैं। लेकिन अब इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की मुखिया और पश्चिम बंगाल (West Banagal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) के शामिल होने से अलग ही कयास लगाए जा रहे हैं।
दरअसल विपक्ष के बीच में सबसे बड़ी समस्या यह है कि आखिर उनका प्रधानमंत्री पद (PM Face) का चेहरा कौन होगा। इस मामले पर कोई भी दल एक साथ खड़े नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस जहां राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं वही नितीश कुमार, ममता बनर्जी, शरद पवार ऐसी प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवारों की लंबी लिस्ट तैयार है। ऐसे में एक अनार सौ बीमार वाली कहावत सच साबित होती हुई नजर आ रही है। ममता बनर्जी के बेंगलुरु अपोजिशन पार्टी की मीटिंग के लिए तैयार होने का एक और कारण है। वह कारण है पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में टीएमसी की जीत। अब तक जहां टीएमसी अपोजिशन मीटिंग से पीछे हट रही थी। वहीं इस जीत ने उन्हें कहीं ना कहीं लीड करने का मौका मिल गया है। कह सकते हैं कि अभी टीएमसी (TMC ) के पास एक तुरुप का इक्का हाथ लग गया है। जिससे वे तमाम विपक्षी दलों पर यह दावा कर सकती है। कि किस तरह उन्होंने पश्चिम बंगाल (West Banagal) में इतने भारी विरोध के बावजूद जीत हासिल कर ली है। साथ ही साथ बीजेपी को रोकने में भी वह कामयाब हो गई है।
जहां पूरे देश में बीजेपी की लहर दौड़ रही है। वहीं पश्चिम बंगाल ही एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी के हर दांव पर टीएमसी पलटवार करती नजर आ रही है। इन सभी कारणों से आने वाले समय में ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) खुद को प्रधानमंत्री पद के लिए ज्यादा मजबूत दावेदार साबित करने की कोशिश कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि दरअसल ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) इस मीटिंग में इसलिए आने को तैयार हुई क्योंकि सोनिया गांधी ने उन्हें फोन करके आने का न्योता दिया। जिसके बाद ममता बनर्जी तैयार हो गई। पर अगर कांग्रेस (congress ) और टीएमसी (TMC ) के बीच इतनी ही अच्छे रिश्ते हैं, तो अब तक यह रिश्ते सामने क्यों नहीं आए। पटना में विरोधी पक्ष की मीटिंग में 15 विपक्षी दल शामिल हुए थे और अब बेंगलुरु में 24 पार्टियां इस मीटिंग के लिए आ रही है।
अब तक आम आदमी पार्टी के द्वारा किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया गया है। आम आदमी पार्टी जहां अपनी सीट और अपने अधिकार बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विधेयक वापस लेने के लिए बाकी पार्टियों से मदद मांग रही है। वहीं कांग्रेस ने सीधे तौर पर विधेयक की बात की बैठक में रखने से मना कर दिया है। इसका मतलब साफ है की देखने के लिए तो सभी पक्ष एक साथ बैठकर चर्चा कर रहे हैं पर क्या यह चर्चा भविष्य में यानी लोकसभा चुनाव में परिणामों में परिवर्तित हो जाएगी। और हो भी गई तो आखिर यह पार्टियां किसे अपना नेता चुनेगी। क्योंकि जहां नीतीश कुमार खुद बिहार नहीं संभाल पा रहे वह देश संभालने के दावे कर रहे हैं। शरद पवार जिनसे पार्टी नहीं संभल रही वह प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री हो या बाकी पार्टियों के नेता इनकी राजनीति जैसे तैसे पुराने ढर्रे पर चल रही है ,पर क्या अब इनके पास ऐसा कोई खास हथियार है जिससे वह 2024 में बीजेपी को फिर से सत्ता में आने से रोक पाएगी।