भाजपा के लिए चुनौती बनीं हारी हुईं पांच सीटें; इन सीटों के सियासी चक्रव्यूह को भेदने में नाकाम रही पार्टी
पूर्वांचल की हारी हुईं पांच सीटें भाजपा के लिए चुनौती बनीं हैं। 2019 में आजमगढ़, लालगंज, घोसी, गाजीपुर और जौनपुर के सियासी चक्रव्यूह को भेदने में पार्टी नाकाम रही। सपा-बसपा ने 2019 का लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ा था। इस बार सपा का गठबंधन कांग्रेस से है।
पिछले लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल की पांच सीटों आजमगढ़, लालगंज, घोसी, गाजीपुर और जौनपुर में भाजपा की सियासी व्यूह रचना नाकाम साबित हुई। लिहाजा पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। पूर्वांचल के कद्दावर भूमिहार नेता मनोज सिन्हा तक को हार का सामना करना पड़ा।
ऐसे में अबकी बार पूर्वांचल में हारी हुई पांच सीटों पर भाजपा के प्रदर्शन पर सभी की निगाहें होंगी। आजमगढ़ लोकसभा सीट से वर्ष 2019 का आम चुनाव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ढाई लाख से ज्यादा मतों के अंतर से जीता था।
यह दीगर बात रही कि 2022 में अखिलेश यादव ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दिया तो उपचुनाव में भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ को जीत नसीब हुई। इससे पहले वर्ष 1989 से 2014 के बीच हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ एक बार 2009 में रमाकांत यादव ने इस सीट से जीत दिलाई थी।
लालगंज (सु.) लोकसभा सीट से वर्ष 2019 का आम चुनाव बहुजन समाज पार्टी की संगीता आजाद जीती थीं। इस सीट पर वर्ष 1989 से 2014 के बीच हुए आम चुनाव में भाजपा को सिर्फ एक बार 2014 में नीलम सोनकर जीत दिलाई थीं।
मऊ जिले की घोसी लोकसभा से वर्ष 2019 का चुनाव बहुजन समाज पार्टी के अतुल राय ने फरार रहकर जीता था। घोसी सीट पर वर्ष 1989 से 2014 के बीच हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ एक बार 2014 में हरिनारायण राजभर ने जीत दिलाई थी।
गाजीपुर लोकसभा सीट से वर्ष 2019 का आम चुनाव बहुजन समाज पार्टी के अफजाल अंसारी जीते थे। इससे पहले वर्ष 1989 से वर्ष 2014 के बीच गाजीपुर लोकसभा सीट से भाजपा के मनोज सिन्हा ने तीन बार जीत दर्ज की। जौनपुर लोकसभा सीट से वर्ष 2019 का आम चुनाव बहुजन समाज पार्टी के श्याम सिंह यादव ने जीता था। इससे पहले वर्ष 1989 से 2014 के बीच भाजपा यहां से चार बार लोकसभा का चुनाव जीत चुकी है।
चंदौली में घटा जीत का मार्जिन
चंदौली लोकसभा सीट से वर्ष 2019 का आम चुनाव भाजपा के डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय महज 13,959 मत से जीते थे। वहीं, इससे पहले इसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से वर्ष 2014 का आम चुनाव डॉ. पांडेय ने डेढ़ लाख से ज्यादा मतों के अंतर से जीता था। ऐसे में इस बार चंदौली का लोकसभा चुनाव दिलचस्प होगा।
भाजपा के रणनीतिकारों की चिंता बढ़ा सकते हैं 2022 के नतीजे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2022 में प्रदेश में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई। इसके बावजूद पूर्वांचल में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं था। वर्ष 2022 में आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र की सभी पांच विधानसभा सीटों पर बीजेपी को हार झेलनी पड़ी। इसी तरह से लालगंज (सु.) लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों पर भी भाजपा हारी।
गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में से एक पर भी भाजपा उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर सका था। घोसी लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में से सिर्फ एक पर भाजपा को जीत मिली। जौनपुर लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में भाजपा दो पर ही जीत दर्ज कर पाई।