सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने आरोपों को बताया बेबुनियाद! जानें क्या है पूरा मामला

Update: 2024-08-11 08:47 GMT

नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट में भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उस रिपोर्ट को दंपती ने बेबुनियाद बताया है।

शनिवार को आई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि कथित अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में दंपती की हिस्सेदारी थी।

शनिवार को हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि सेबी की वर्तमान प्रमुख माधबी बुच और उनके पति के पास अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि 18 महीने पहले अदाणी समूह पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी लेकिन सेबी ने समूह पर कार्रवाई नहीं की।

माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी द्वारा प्रवर्तन कार्रवाई और कारण बताओ नोटिस का जवाब उनके चरित्र हनन के प्रयास से दिया है। उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट सेबी की कार्रवाई के खिलाफ लाई गई है।

माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ 10 अगस्त 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कई आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों के संदर्भ में हम यह बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं। इनमें कोई भी सच्चाई नहीं है।

नई रिपोर्ट जारी करने के बाद हिंडनबर्ग ने कहा था अदाणी समूह पर हमारी मूल रिपोर्ट को लगभग 18 महीने बीत चुके हैं। इस बात के पर्याप्त सबूत पेश किए जा चुके हैं कि भारतीय कारोबारी समूह (अदाणी) कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाले में संलिप्त रहा है लेकिन ठोस सबूतों और 40 से अधिक स्वतंत्र मीडिया जांच के बावजूद सेबी ने अदाणी समूह के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई के बजाय जून 2024 में सेबी ने हमें एक स्पष्ट 'कारण बताओ' नोटिस भेजा।

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