Maharashtra: कैबिनेट में उठेगा नांदेड़ के अस्पताल में हुईं मौतों का मामला, जांच समिति के गठन पर होगा फैसला

Update: 2023-10-03 05:02 GMT

महाराष्ट्र में नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में पिछले 24 घंटे में 12 शिशुओं समेत 24 लोगों की मौत का मामला गरमाता जा रहा है। इस बीच महाराष्ट्र कैबिनेट आज बैठक में मामले पर चर्चा करेगी। कैबिनेट इस घटना को लेकर जांच समिति बनाने पर फैसला कर सकती है। महाराष्ट्र सरकार के अधिकारी के हवाले से यह खबर सामने आ रही है।


दवाइयों, डॉक्टरों की कोई कमी नहीं थी: मंत्री

नांदेड़ घटना पर महाराष्ट्र सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा कि छोटे बच्चों की संख्या 4-5 थी। मुझे बताया गया कि दवाइयों, डॉक्टरों की कोई कमी नहीं थी, इसके बावजूद ऐसा क्यों हुआ इसका हम जायजा करेंगे। इस मामले में समिति गठित की गई है, हमारे कमिश्नर और डायरेक्टर वहां गए हैं, मैं भी वहां जा रहा हूं।


12 बच्चों समेत 24 की मौत

इससे पहले महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के निदेशक डॉ. दिलीप म्हैसेकर ने बताया कि पिछले 24 घंटे में नांदेड़ सरकारी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज (जीएमसीएच) में 24 लोगों की मौत हुई है। इनमें 12 शिशु हैं। इनमें कुछ स्थानीय निजी अस्पतालों से यहां भेजे गए थे। शेष जान गंवाने वाले मरीज वयस्क थे, जिनकी विभिन्न कारणों से मौत हुई।

तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन

उन्होंने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) जिले की तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन कर उसे मंगलवार दोपहर एक बजे तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। मैं स्थिति की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करने के लिए अस्पताल जा रहा हूं।

70 मरीजों की हालत गंभीर

अस्पताल के डीन से मिली जानकारी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जिन 24 लोगों की मौत हुई है, उनमें से 6-7 नवजात थे और कुछ गर्भवती महिलाएं थीं। अन्य 70 मरीजों की हालत गंभीर है। कुछ लोगों की मौत अज्ञात जहर संबंधी कारण से हुई।

मधुमेह, लीवर और गुर्दे की समस्याओं से जूझ रहे थे मरीज

इससे पहले सरकारी मेडिकल कॉलेज नांदेड़ के डीन श्यामराव वाकोडे ने बताया कि पिछले 24 घंटों में 24 लोगों की जान चली गई। पिछले 24 घंटों में लगभग 12 बच्चों की मौत हो गई। ये बच्चे अलग-अलग बीमारियों से पीड़ित थे। वयस्कों में 70-80 वर्ष की आयु के आठ मरीज थे। उन्हें मधुमेह, लीवर और गुर्दे की समस्याएं थीं। मरीज आमतौर पर गंभीर स्थिति में यहां आते हैं। दवाओं या डॉक्टरों की कोई कमी नहीं थी।


कांग्रेस ने सरकार को घेरा

कांग्रेस ने मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की नजर में गरीबों के जीवन की कोई कीमत नहीं है। भाजपा सरकार हजारों करोड़ रुपये अपने प्रचार पर खर्च कर देती है, मगर बच्चों की दवाइयों के लिए पैसे नहीं हैं?

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस विषय पर बोलना चाहिए।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाए।

कांग्रेस ने 'एक्स' के अपने आधिकारिक हैंडल के माध्यम से कहा कि मरीजों की मौत की एक वजह जरूरी दवाइयों की कमी है। यह बेहद गंभीर विषय है। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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