महाराष्ट्र पार्ट 2 होगा बिहार में !

बीजेपी (BJP) को 122 सीटों की जरूरत पड़ेगी फिलहाल पार्टी के पास 74 विधायक है। जिसका मतलब है बिहार में तख्तापलट करने के लिए बीजेपी को 48 और विधायकों की जरूरत पड़ेगी। वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 160 विधायक हैं जिसमें जेडीयू ,राजद और कांग्रेस के अलावा तीन वामपंथी दल शामिल है। हालांकि इसी साल जून में जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) ने नीतीश का हाथ छोड़ दिया है।

Update: 2023-07-17 09:11 GMT

महाराष्ट्र के बाद बिहार के राजनीति में बहुत जल्द बड़ा राजनीतिक उलटफेर होने की अटकलें लगाई जा रही है।  जहां एक तरफ 18 जुलाई को होने वाली इंडिया की मीटिंग में चिराग पासवान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को बुलाया गया है।  वहीं दूसरी तरफ चिराग पासवान से लेकर सुशील मोदी तक सब ने दावा कर लिया है कि आने वाले समय में बिहार में एक बड़ा भूकंप आने वाला है। 

यह भूकंप नैसर्गिक नहीं बल्कि राजनीतिक होने वाला है कई नेताओं का दावा है कि जिस तरह महाराष्ट्र में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस टूटी उसी तरह जेडीयू (JDU) को भी तोड़ा जाएगा कुछ समय पहले ही जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया था कि बिहार सरकार कभी भी टूट सकती है जेडीयू नीतीश कुमार (JDU Nitish Kumar) से ऊब चुके हैं और वह दूसरा ऑप्शन तलाश रहे हैं।

और यह भी कहा कि हो सकता है कि NDA के समर्थन में आए। इस विषय में बिहार के बीजेपी अध्यक्ष सुशील मोदी (Sushil Modi) ने भी दावा किया है की महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ जो हुआ वही आने वाले समय में बिहार में भी हो सकता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि नीतीश कुमार ने पिछले 13 सालों में अपने किसी भी पार्टी विधायक से एक-एक कर बातचीत नहीं की है। लेकिन अब उन्हें भी फूट का अंदेशा आ गया है जिससे डरे हुए नीतीश कुमार अपने विधायकों को साथ रखने की कोशिश में लगे हुए हैं। आपको बता दें कि नीतीश कुमार काफी समय तक बीजेपी का हिस्सा रहे पर किन्ही कारणों से वे बीजेपी से अलग हो गए और अब 2024 के लिए विपक्ष एकजुटता के लिए हाथ पैर मार रहे हैं उनका सपना है कि तेजस्वी को बिहार की बागडोर सौंप कर खुद प्रधानमंत्री बने. इसके लिए वे विपक्षी को जोड़ने में लगे है। 

कितनी सीटों की जरुरत 

बिहार में तख्तापलट करने के लिए बीजेपी (BJP) को 122 सीटों की जरूरत पड़ेगी फिलहाल पार्टी के पास 74 विधायक है।जिसका मतलब है बिहार में तख्तापलट करने के लिए बीजेपी को 48 और विधायकों की जरूरत पड़ेगी। वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 160 विधायक हैं जिसमें जेडीयू ,राजद और कांग्रेस के अलावा तीन वामपंथी दल शामिल है।

हालांकि इसी साल जून में जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) ने नीतीश का हाथ छोड़ दिया है। जिससे उनके चार विधायक कम हो गए हैं। अब इन हालातों में जहां नीतीश कुमार (Nitish Kumar) विपक्ष को जोड़ने में लगे हुए हैं ऐसे में क्या वे खुद की पार्टी को भी संभाल पाएंगे। यह एक बड़ा सवाल है देखना होगा 2024 से पहले कहां कहां और कितनी पार्टियां टूटेगी या तोड़ी जायेगी। 

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