EWS Quota: जारी रहेगा ईडब्ल्यूएस आरक्षण, कोटा बरकरार रखने के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका SC ने खारिज की, केंद्र सरकार को बड़ी राहत

Update: 2023-05-16 17:31 GMT

नई दिल्‍ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार (Central Government) को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों EWS आरक्षण के फैसले पर पुनर्विचार नहीं करेगा. पांच जजों के पीठ ने पुनर्विचार याचिका खारिज की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फैसले में रिकाॅर्ड पर कोई त्रुटि नहीं मिली है; इसलिए पुनर्विचार का कोई आधार नहीं है. आर्थिक रूप से कमज़ोर तबके के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण (EWS आरक्षण) को सही ठहराने के अपने पुराने फैसले को SC ने बपिछले साल 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस (EWS) आरक्षण को संवैधानिक माना था. इसके खिलाफ दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर 9 मई को 5 जजों की बेंच ने विचार किया था.रकरार रखा है. इस फैसले पर पुर्नविचार की मांग करने वाली अर्जियो को SC ने खारिज कर दिया है.

7 नवंबर 2022 को दिए ऐतिहासिक फैसले में 5 जजों की संविधान पीठ ने 3:2 के बहुमत से संविधान के 103वें संशोधन को सही करार दिया था. इसी संशोधन के जरिए आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की व्यवस्था बनाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि इस तरह का आरक्षण संवैधानिक है और यह किसी भी दूसरे वर्ग के अधिकार का हनन नहीं करता है.

आरक्षण के खिलाफ लगी थीं 30 से अधिक याचिकाएं

जनवरी 2019 में संविधान में किए गए 103वें संशोधन के जरिए अनुच्छेद 15 (6) और 16 (6) को जोड़ा गया था. इसके जरिए सरकार को यह अधिकार दिया गया था कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए विशेष व्यवस्था बना सकती है. इसके बाद सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीबों को नौकरी और उच्च शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था बनाई. इसे सुप्रीम कोर्ट में 30 से अधिक याचिकाओं के जरिए चुनौती दी गई थी.

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