फिर से होगी जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़े 52 मामलों की सुनवाई, कैशकांड के चलते लिया गया फैसला

जस्टिस यशवंत वर्मा के घर आग बुझाने के दौरान बड़े पैमाने पर पाया गया था कैश;

Update: 2025-04-21 06:45 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ द्वारा सुने जा रहे 50 से ज्यादा मामलों की नए सिरे से सुनवाई होगी। इस संबंध में हाई कोर्ट ने नोटिफिकेशन जारी किया है। 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के नई दिल्ली स्थित आवास में आग लग गई थी, जिसे बुझाने के दौरान बड़े पैमाने पर कैश पाया गया। इसके बाद से जस्टिस वर्मा विवादों में घिरे हुए हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस

इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट में कर दिया गया था। हालांकि, सीजेआई के निर्देश पर उन्हें कोई न्यायिक कार्य नहीं सौंपा गया है। इस मामले में तीन न्यायाधीशों की समिति आंतरिक जांच कर रही है।

जिसके चलते अब दिल्ली हाई कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ से जुड़े मुकदमे, जिनकी अगली तारीख दे दी गई है, लेकिन उन पर कोई आदेश नहीं निकाला गया है, उन्हें पहले से दी गई संबंधित तारीखों पर रोस्टर बेंच के समक्ष सूचीबद्ध और नए सिरे से सुना जाएगा। इस नोटिस में साल 2013 से 2025 तक के 52 मामले सूचीबद्ध किए गए हैं।

मुख्य न्यायाधीश ने दिया था सुझाव

जस्टिस यशवंत वर्मा से 24 मार्च को आधिकारिक रूप से न्यायिक कार्य वापस ले लिए गए थे। इसके बाद से अधिवक्ता लगातार दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय के सामने मौखिक रूप से अपने मामलों का उल्लेख कर रहे थे। जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय ने वकीलों को यह सुझाव दिया था कि वह उनके निजी सचिव या रजिस्ट्रार जनरल को आवेदन दें। उन्होंने यह आश्वासन दिया की उनकी शिकायतों पर सुनवाई की जाएगी। इसी के चलते यह फैसला लिया गया कि इन मामलों की नए सिरे से जांच की जाएगी।

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