निशिकांत दुबे पर अवमानना की कार्रवाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा-हमारी अनुमति की जरूरत नहीं, पार्टी ने हाथ किया पीछे

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को मामले में अटॉर्नी जनरल से मंजूरी लेने की जरूरत है।;

Update: 2025-04-21 09:24 GMT

नई दिल्ली। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई खिलाफ टिप्पणी की थी। जिसके बाद भाजपा सांसद की मुश्किलें कम होने को नाम ही नही ले रही है। वहीं सांसद की इस टिप्पणी के बाद जमकर राजनीति भी हो रही है। हालांकि अब उनके खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने की मांग की गई है। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान आया है।

गलत तरीके से आलोचना कर अवमानना की

बता दें कि अवमानना की कार्रवाई की मांग लेकर पहुंचे याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि निशिकांत दुबे ने SC और सीजेआई संजीव खन्ना की गलत तरीके से आलोचना कर अवमानना की है। वहीं याचिकाकर्ता की इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस करने के लिए आपको हमारी अनुमति की जरूरत नहीं है।

दरअसल, इस दौरान न्यायमूर्ति बी आर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ से वकील ने बीजेपी नेता की टिप्पणियों के बारे में हाल ही में आई एक खबर का हवाला दिया और कहा कि वह अदालत की अनुमति से अवमानना ​​याचिका दायर करना चाहते हैं। इस पर न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि आप इसे दायर करें। दायर करने के लिए आपको हमारी अनुमति की जरूरत नहीं है। वहीं पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को मामले में अटॉर्नी जनरल से मंजूरी लेने की जरूरत है।

बीजेपी ने सांसद के बयान से खुद को किया अलग

हालांकि बीजेपी ने सर्वोच्च न्यायालय की आलोचना से खुद को अलग कर लिया। इस मामले में पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने टिप्पणियों को उनका निजी विचार बताया। इतना ही नही जेपी नड्डा ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं को ऐसी टिप्पणियां न करने का निर्देश दिया है।

निशिकांत दुबे ने क्या कहा

बता दें कि बीते दिनों निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को कानून बनाना है तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने सीजेआई खन्ना पर भी कटाक्ष किया और उन्हें देश में 'गृह युद्धों' के लिए जिम्मेदार ठहराया। उनके इस बयान के बाद सियासी हलचल मच गई।

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