चंद्रयान 3: चंद्रयान-3 मिशन का नया वीडियो आया सामने, देखें लैंडर से कैसे चंद्रमा की सतह पर उतरा रोवर प्रज्ञान

Update: 2023-08-25 07:06 GMT

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद पूरी दुनिया भारत के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से मिलने वाली जानकारी का बेसब्री से इंतजार कर रही है. भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो भी समय-समय पर मिशन से जुड़े अपडेट शेयर कर रही है। इस बीच एजेंसी ने एक्स पर एक और वीडियो पोस्ट किया है. इसमें चंद्रयान-3 के रोवर को चंद्रमा की सतह पर उतरते हुए देखा जा सकता है.

क्या है इसरो के नये वीडियो में?

इसरो का नया वीडियो विक्रम लैंडर के कैमरे से लिया गया है। इसमें प्रज्ञान रोवर को लैंडर से बाहर निकलते और धीरे-धीरे रैंप पर उतरने के बाद चंद्रमा की सतह पर चलते देखा जा सकता है। इसरो ने बताया कि यह वीडियो 23 अगस्त को चांद पर विक्रम की सफल लैंडिंग के बाद का है.

इसरो लगातार वीडियो साझा कर रहा है

इससे पहले इसरो ने 24 अगस्त को भी एक वीडियो साझा किया था। इसमें बताया गया कि कैसे लैंडर इमेजर कैमरे ने चंद्रमा की सतह पर उतरने से ठीक पहले उसकी तस्वीर खींची।

एक अन्य ट्वीट में, इसरो ने कहा, "सभी गतिविधियां तय समय पर हैं। सभी प्रणालियाँ सामान्य हैं। लैंडर मॉड्यूल पेलोड ILSA, RAMBHA और ChSTE ने आज काम करना शुरू कर दिया है। रोवर मोबिलिटी ऑपरेशन शुरू हो गया है।" इसरो ने बताया कि प्रोपल्शन मॉड्यूल पर SHAPE पेलोड रविवार को चालू कर दिया गया।


अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए इसरो ने बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान' को ले जाने वाले 'लैंडर मॉड्यूल' की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कराई। इस प्रकार, भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश और पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने वाला पहला देश बन गया।

'रोवर ठीक से काम कर रहा है'

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि रोवर अब ठीक से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि रोवर पर दो और लैंडर पर तीन उपकरण हैं और इन सभी को एक-एक करके चालू किया गया है। उन्होंने कहा, वे मूल रूप से चंद्रमा की खनिज संरचना, साथ ही चंद्र वातावरण और वहां भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन करेंगे। कुल 1,752 किलोग्राम वजन वाले लैंडर और रोवर को चंद्र दिवस की रोशनी में चंद्रमा के वातावरण का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हालांकि, इसरो के अधिकारी इनके एक और चंद्र दिवस तक सक्रिय रहने की संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं।

23 अगस्त को हुई सफल लैंडिंग

अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए इसरो ने बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान' को ले जाने वाले 'लैंडर मॉड्यूल' की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कराई। इस प्रकार, भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश और पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने वाला पहला देश बन गया।भारतीय समय के मुताबिक, शाम करीब 6.04 बजे इसने चंद्रमा की सतह को छुआ। इसरो ने गुरुवार को घोषणा की कि रोवर लैंडर से निकल गया है। कहा, भारत चांद पर चला.|

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