फ्यूचर रिटेल पर खुलासों में चूक के लिए सेबी ने लगाया 10 लाख का जुर्माना

यह मामला सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (SIAC) के एक अंतरिम आदेश से जुड़ा है, जिसे लेकर फ्यूचर रिटेल द्वारा देरी से खुलासा किया गया था।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-04-24 21:30 GMT

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड पर समय पर और पूरी जानकारी न देने को लेकर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह मामला सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (SIAC) के एक अंतरिम आदेश से जुड़ा है, जिसे लेकर फ्यूचर रिटेल द्वारा देरी से खुलासा किया गया था।

यह कार्रवाई अमेज़न द्वारा उठाई गई चिंताओं की जांच के बाद की गई, जो फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस समूह के बीच हुए समझौते से जुड़ी थी। सेबी ने कहा कि फ्यूचर रिटेल को 6 अक्टूबर 2020 तक इस संबंध में जानकारी देनी चाहिए थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।

SIAC ने 25 अक्टूबर 2020 को एक अंतरिम आदेश जारी किया था जिसमें फ्यूचर रिटेल को रिलायंस के साथ हुए लेन-देन को आगे बढ़ाने से रोका गया था। फ्यूचर रिटेल ने 26 अक्टूबर को इस आदेश के बारे में केवल सीमित जानकारी दी थी और पूरी प्रक्रिया तथा वित्तीय असर की जानकारी नहीं दी।

सेबी के अनुसार, फ्यूचर रिटेल ने 1 नवंबर 2020 को स्टॉक एक्सचेंजों के हस्तक्षेप के बाद ही पूरी जानकारी साझा की, जिसमें मध्यस्थता की प्रक्रिया, आदेश की समयरेखा, और उसका असर शामिल था। सेबी के अधिकारी अमित कपूर ने कहा कि यह जानकारी नियमन के तहत 24 घंटे के भीतर दी जानी चाहिए थी।

यह मामला उस समझौते से जुड़ा है जिसमें रिलायंस रिटेल ने अगस्त 2020 में फ्यूचर ग्रुप के खुदरा और थोक कारोबार को 24,713 करोड़ रुपये में खरीदने की घोषणा की थी। इस सौदे का अमेज़न ने विरोध किया, जिसने 2019 में फ्यूचर कूपन में हिस्सेदारी ली थी और फ्यूचर रिटेल पर भी बाद में अधिकार पाने का विकल्प रखा था।

यह कानूनी विवाद अंततः SIAC में गया और अमेज़न के पक्ष में अंतरिम आदेश पारित हुआ। इसके बाद अप्रैल 2022 में रिलायंस ने यह सौदा रद्द कर दिया।

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