"थेथर" है तहव्वुर राणा! रोजाना आठ-दस घंटे की पूछताछ में गोलमोल जवाब दे रहा है...
पूछताछ के दौरान हमले के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन राणा जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।;
मुंबई। 26\11 आतंकी हमलों का मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी रोजाना आठ से 10 घंटे पूछताछ कर रहे हैं। पूछताछ के दौरान हमले के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन राणा जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। राणा हर सवाल का गोलमोल जवाब दे रहा है।
8 घंटे से ज्यादा पूछताछ की
महाराष्ट्र से बुधवार को मुंबई क्राइम ब्रांच की एक टीम दिल्ली पहुंची। टीम ने 26/11 आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा से पूछताछ की। मुंबई पुलिस के मुताबिक, टीम ने आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा से 8 घंटे से ज्यादा पूछताछ की। तहव्वुर राणा गोलमोल जवाब दे रहा है। जांच में सहयोग भी नहीं कर रहा है। तहव्वुर राणा को दिल्ली स्थित एनआईए मुख्यालय में हिरासत में रखा गया है।
हाल ही में भारत लाया गया था
भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर 2008 में हुए आतंकी हमलों की साजिश रचने वाले तहव्वुर राणा को हाल ही में भारत लाया गया था। फिलहाल वह एनआईए की हिरासत में है। भारत पिछले 17 वर्षों से राणा और उसके साथी डेविड कोलमैन हेडली के प्रत्यर्पण की कोशिश में लगा था, जो कि 2009 में ही अमेरिका में गिरफ्तार हुए थे।
हेडली के मामले में भारत को फिलहाल खास सफलता नहीं मिली है, लेकिन तहव्वुर राणा के मामले में अमेरिका की निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के दावों को मानते हुए उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। जिसके बाद से राणा से हमले को लेकर गंभीर सवाल पूछे जा रहे है, ताकि सच बाहर आ सकें।
2008 के मुंबई आतंकी हमले का मुख्य नाम
कहा जाता है कि तहव्वुर राणा ने अपनी कंसल्टेंसी फर्म्स में डेविड हेडली को भी नौकरी दी। इसी फर्म की मुंबई शाखा के काम के लिए डेविड हेडली मुंबई आया था और यहां लश्कर-ए-तयैबा के आतंकी हमलों की तैयारी के लिए मुंबई में ताज महल होटल और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस जैसी प्रमुख जगहों की रेकी की थी।
राणा का नाम मुख्य तौर से मुंबई आंतकी हमले में आया था। जांचकर्ताओं का मानना है कि तहव्वुर राणा ने कंसल्टेंसी फर्म की आड़ में ही डेविड हेडली से रेकी का पूरा काम कराया। साल 2008 में मुंबई में पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने घुसकर शहरभर में हमले किए थे। इन बर्बर हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों और कुछ यहूदियों समेत 166 लोग मारे गए थे।