शशि थरूर ने अमेरिकी निर्वासन नीति पर उठाए सवाल, कहा- भारत को अमेरिका के लिए कड़ा रूख अपनाने की जरूरत

Update: 2025-02-06 07:16 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका द्वारा भारतीयों के सामूहिक निर्वासन पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब भारतीयों को निर्वासित किया गया हो। बिडेन प्रशासन के तहत भी पिछले साल 1100 से अधिक भारतीयों को वापस भेजा गया था।

दरअसल, अमेरिका ने 104 भारतीयों को निर्वासित कर भारत भेज दिया है। जानकारी के अनुसार, ये सभी भारत से वैध तरीके से रवाना हुए थे, लेकिन अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के लिए ‘डंकी रूट’ का इस्तेमाल किया।

थरूर ने स्वीकार किया कि यदि कोई व्यक्ति अवैध रूप से अमेरिका में रह रहा है, तो अमेरिका को उसे निर्वासित करने का अधिकार है। साथ ही, यदि वह भारतीय नागरिक साबित होता है, तो भारत को उसे स्वीकार करना ही होगा। हालांकि, उन्होंने अमेरिकी प्रशासन की निर्वासन प्रक्रिया पर आपत्ति जताई।

अमानवीय तरीके पर आपत्ति

शशि थरूर ने निर्वासन की प्रक्रिया को अनावश्यक रूप से कठोर बताया। उन्होंने कहा कि यह सुनकर अच्छा नहीं लगा कि लोगों को जबरन सैन्य विमान में वापस भेजा गया और उन्हें हथकड़ी लगाई गई। यह पूरी तरह से अनावश्यक था। उन्हें वाणिज्यिक या नागरिक हवाई जहाज से भेजा जा सकता था। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सामूहिक निर्वासन करना है, तो इसे नागरिक चार्टर उड़ानों के जरिए किया जाना चाहिए, जो अधिक मानवीय तरीका होगा।

वे अपराधी नहीं हैं, बस बेहतर जीवन की तलाश में थे

थरूर ने कहा कि अवैध रूप से अमेरिका जाने वाले लोग अपराधी नहीं होते, बल्कि वे केवल अपने लिए बेहतर जीवन की तलाश में होते हैं। भले ही उन्होंने अमेरिका के कानूनों का उल्लंघन किया हो, लेकिन उन्हें हथकड़ी लगाकर और सैन्य विमानों में भरकर भेजना उचित नहीं था।

भारत को अमेरिका से कड़ा रुख अपनाने की जरूरत

थरूर ने यह भी कहा कि भारत को इस अमानवीय व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और अमेरिका से कहना चाहिए कि यह तरीका उचित नहीं है।

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