National Herald Case: ED ने शुरू की सोनिया और राहुल गांधी से जुड़ी संपत्तियों को कब्जे में लेने की कार्रवाई

11 अप्रैल को ईडी ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के संपत्ति पंजीकरण कार्यालयों को नोटिस भेजे हैं, जहां एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियां स्थित हैं। इन संपत्तियों का अधिग्रहण यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) ने किया था, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की हिस्सेदारी है।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-04-12 17:38 GMT

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़ी संपत्तियों को कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 11 अप्रैल को ईडी ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के संपत्ति पंजीकरण कार्यालयों को नोटिस भेजे हैं, जहां एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियां स्थित हैं। इन संपत्तियों का अधिग्रहण यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) ने किया था, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की हिस्सेदारी है।

इस मामले की शुरुआत बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से 2014 में एक निजी आपराधिक शिकायत के ज़रिए हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि यंग इंडियन ने एजेएल की संपत्तियों को बेहद कम कीमत में अपने नियंत्रण में ले लिया, जिनकी कुल अनुमानित कीमत 2,000 करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है।

ईडी का कहना है कि जांच के दौरान यह सामने आया कि एजेएल की संपत्तियों के ज़रिए 988 करोड़ रुपये की कथित मनी लॉन्ड्रिंग हुई। इससे पहले नवंबर 2023 में ईडी ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में स्थित अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था, जिनकी कीमत लगभग 661 करोड़ रुपये है। इसके अलावा एजेएल के 90.2 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर भी जब्त किए गए थे। इस कुर्की की पुष्टि 10 अप्रैल को प्राधिकरण ने की।

मुंबई के हेराल्ड हाउस की तीन मंजिलों पर मौजूद जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स नामक कंपनी को अलग से नोटिस भेजा गया है। कंपनी से कहा गया है कि अब वह किराया सीधे ईडी के खाते में जमा करे।

ईडी का कहना है कि इन संपत्तियों का अधिग्रहण अवैध तरीके से किया गया और इस प्रक्रिया में आर्थिक गड़बड़ियों का सहारा लिया गया। एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि इस नेटवर्क के जरिए 18 करोड़ रुपये की फर्जी डोनेशन, 38 करोड़ की एडवांस किराया राशि और 29 करोड़ रुपये के विज्ञापनों के ज़रिए पैसा इकट्ठा किया गया।

ईडी की जांच 2021 में औपचारिक रूप से शुरू हुई थी और इस दौरान कई जगह छापे मारे गए। जांच के दौरान कुछ दस्तावेज़ भी मिले हैं, जिनसे और अधिक वित्तीय अनियमितताओं की आशंका जताई जा रही है।

एजेंसी का कहना है कि इस कार्रवाई का मकसद इन संपत्तियों के उपयोग और उनसे अवैध रूप से कमाई जाने वाली आय को रोकना है।

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