Meta: मार्क जकरबर्ग की बढ़ सकती हैं मुसीबत, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप हो सकते हैं अलग
एफटीसी ने अरोप लगाए की फेसबुक ने उन कंपनियों को खरीदा जो उसके लिए भविष्य में खतरा बन सकती थीं;
नई दिल्ली। टेक कंपनी ‘मेटा’ इस समय एक बड़े एंटीट्रस्ट ट्रायल का सामन कर रही है। यह ट्रायल इंस्टग्राम और व्हाट्सएप को अलग करने के लिए मेटा को मजबूर कर सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में यह मामला शुरू हुआ था।
क्या है पूरा मामला?
मेटा ने इंस्टग्राम और व्हाट्सएप स्टार्टअप्स को करीब एक दशक पहले खरीदा था और अब ये दोनों प्लेटफॉर्म मेटा के सबसे बड़े बिजनेस पिलर बन चुके हैं। कंपनी ने इंस्टग्राम को साल 2012 में 1 बिलियन डॉलर में, वहीं साल 2014 में व्हाट्सएप को 22 बिलियन डॉलर में खरीदा था। साल 2020 में फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने मेटा, जो की तब फेसबुक हुआ करता था, पर एक केस दर्ज किया था, जिसमें एफटीसी ने कंपनी पर आरोप लगाए थे कि उसने इंस्टग्राम और व्हाट्सएप को प्रतिस्पर्धा खत्म करने और सोशल मीडिया पर अवैध रूप से एकाधिकार बनाने के इरादे से खरीदा है।
एफटीसी का कहना था कि मार्क जकरबर्ग ‘प्रतिस्पर्धा से बेहतर खरीदना’ वाली रणनीति पर अमल करते हैं। उन्होंने अरोप लगाए की फेसबुक ने उन कंपनियों को खरीदा जो उसके लिए भविष्य में खतरा बन सकती थीं, जिसमें इंस्टग्राम और व्हाट्सएप शामिल हैं।
मेटा पर कैसे है खतरा?
अगर ट्रायल का फैसला मेटा के खिलाफ होता है तो कंपनी को व्हाट्सएप और इंस्टग्राम को अलग करना पड़ सकता है। इसका असर मेटा की कमाई पर पड़ेगा क्योंकि इस साल इंस्टग्राम अकेला अमेरिका में मेटा के एड रिवेन्यू का स्त्रोत बनने जा रहा है।
हालांकि, एफटीसी के आरोपों पर मेटा का कहना है कि यह मुकदमा हकीकत से परे है। आज व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टग्राम सब टिकटॉक, यूट्यूब और एक्स जैसे प्लेटफॉर्म से बराबरी की प्रतिस्पर्धा करते हैं।