Waqf Amendment Act: पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगणा जिला में फिर भड़की हिंसा! प्रदर्शनकारी ने जमकर किया बवाल

पलायन पर मंत्री फिरहाद हकीम ने चौंकाने वाला बयान दे दिया है। उन्होंने कहा- सब ठीक है, वे बंगाल के भीतर ही पलायन कर रहे हैं।;

Update: 2025-04-14 12:56 GMT

मुर्शिदाबाद। वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल में हिंसा थमने का नाम ही ले रहे हैं। वहीं एक बार फिर यहां हिंसा भड़की है। मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण 24 परगणा के भांगड़ में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगाने के साथ-साथ जमकर तोड़फोड़ किया है। हालांकि हिंसा के बाद इस इलाके में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं इसको लेकर राज्य में जमकर राजनीति भी हो रही है।

हालांकि बीते कुछ दिनों से पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में हो रहा हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में आज इससे पहले ISF विधायक नौशाद सिद्दीकी वक्फ कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे, जिसमें शामिल होने के लिए प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोका। इसके बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए थे और बैरमपुर में सड़क पर जाम लगा दिया था। हालांकि बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था।

सुकांत मजूमदार ने आज राहत शिविर का किया दौरा

पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आज मालदा के एक स्कूल में स्थापित राहत शिविर का दौरा किया, जहां वक्फ संशोधन कानून के विरोध में कथित हमलों के बाद मुर्शिदाबाद के कई हिंदू परिवारों ने शरण ली है। मजूमदार ने विस्थापित परिवारों से मुलाकात की और बाद में प्रभावित लोगों की सहायता के लिए स्थापित एक विशेष नियंत्रण रूम का दौरा किया।

हालांकि दंगा पीड़ितों के पलायन के दावे पर ममता बनर्जी के मंत्री फिरहाद हकीम ने चौंकाने वाला बयान दे दिया है। जब उनके दंगा पीड़ितों के मुर्शिदाबाद छोड़कर मालदा पलायन करने पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा- सब ठीक है, वे बंगाल के भीतर ही पलायन कर रहे हैं।

वहीं तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य साकेत गोखले ने केंद्रीय मंत्री और बंगाल बीजेपी अध्यक्ष पर पश्चिम बंगाल में दंगे भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।

पुलिस पर लगाया आरोप

बता दें कि मुर्शिदाबाद हिंसा पर पश्चिम बंगाल के सीपीआई (एम) राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि काफी मशक्कत के बाद मैं उस जगह पर पहुंच पाया, जहां सारी हिंसा हुई और लोग मारे गए। वहां पुलिस मौजूद नहीं थी। गांव वालों के बार-बार अनुरोध के बावजूद पुलिस ने दंगाइयों को उत्पात मचाने दिया। पूरा गांव जला दिया गया, तबाह कर दिया गया, लूट लिया गया और वहां कोई पुलिस या दमकल की गाड़ी नहीं थी।

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