भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते पर एक दशक बाद चर्चा गर्म
भारत और न्यूजीलैंड ने रविवार को मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर फिर से बातचीत शुरू करने की घोषणा की, जो पिछले दस वर्षों से रुकी हुई थी।;
भारत और न्यूजीलैंड ने रविवार को मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर फिर से बातचीत शुरू करने की घोषणा की, जो पिछले दस वर्षों से रुकी हुई थी।
भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते का उद्देश्य आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना और बाजार पहुंच को बेहतर बनाना है, जिससे दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह वार्ता मजबूत आर्थिक साझेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो व्यापारिक स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देगा।
गौरतलब है कि भारत और न्यूजीलैंड ने अप्रैल 2010 में व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) पर चर्चा शुरू की थी, जिसका मकसद व्यापार, सेवाओं और निवेश को बढ़ावा देना था। हालांकि, 2015 में नौ दौर की बातचीत के बाद यह वार्ता रुक गई थी।
16 मार्च को भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के व्यापार और निवेश मंत्री टॉड मैक्ले के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने की नींव रखी गई।
वाणिज्य मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा, "भारत और न्यूजीलैंड के बीच साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों, लोगों के आपसी संबंधों और आर्थिक सहयोग पर आधारित है। दोनों देशों ने हमेशा अपने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काम किया है।"
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 में न्यूजीलैंड ने भारत को 0.84 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का सामान और सेवाएं निर्यात कीं, जबकि भारत से 0.91 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात किया, जिससे कुल द्विपक्षीय व्यापार 1.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
भारत मुख्य रूप से न्यूजीलैंड से ऊन, लोहा और इस्पात, फल, मेवे और एल्यूमीनियम का आयात करता है, जबकि न्यूजीलैंड को भारतीय निर्यात में दवाएं, यांत्रिक मशीनरी, तैयार वस्त्र, मोती, कीमती पत्थर और धातुएं शामिल हैं।