दुनिया के मशहूर पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के इंटरव्यू में पीएम मोदी ने शेयर किया आरएसएस से जुड़े उनके भाव, जानें क्या कहा
नई दिल्ली। दुनिया के मशहूर पॉडकास्टर एवं एआई रिसर्चर लेक्स फ्रिडमैन को को पीएम मोदी ने इंटरव्यू दिया है। इस इंटरव्यू में उन्होंने आरएसएस से जुड़े अपने भाव जाहिर किए। वहीं पीएम मोदी ने इस दौरान बताया कि कैसे आरएसएस से जुड़े, जिससे उनके जीवन में बदलाव आया। पीएम मोदी ने कहा, बचपन में मेरा ये स्वभाव था कि कुछ-न-कुछ करता रहूं। हमारे गांव में सेवा दल से एक लोग आते थे, जो डफली बचाते हुए देशभक्ति गीत गाते थे। मैं पागल की तरह उन्हें सुनने चला जाता था।
70 हजार से ज्यादा चलाते हैं एकल विद्यालय
बता दें कि पीएम ने आगे कहा कि मैं रात-रात भर उनसे देशभक्ति के गानें सुनता था। मुझे ऐसा करने में मजा आता था। वैसे ही मेरे यहां आरएसएस की शाखा चलती थी। यहां देशभक्ति गीत खूब बजते थे। ये चीजें मेरे मन को अच्छा लगता था। संघ के ये एक संस्कार तो मिले कि अगर हम पढ़ने की सोचें तो ये लगे कि इतना पढूं कि देश के काम आ सकूं।
पीएम मोदी ने कहा, कुछ स्वयंसेवकों ने सेवा भारती नाम के संगठन की स्थपना की है। सेवा भारती झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब लोग के लिए कई प्रोजेक्ट चला रहे हैं। ये लोग करीब सवा लाख ऐसे गरीबों के लिए सरकार की मदद के बिना सब काम कर रहे हैं. संघ के ही कुछ लोग वनवासी कल्याण आश्रण चला रहे हैं। वे जंगलों में आदिवासियों के बीच रहकर उनकी सेवा करते हैं। 70 हजार से ज्यादा एकल विद्यालय चलाते हैं। कुछ लोग हैं जो इस काम के लिए शायद 10 या 15 डॉलर का डोनेशन करते हैं।
करोड़ों लोग इससे जुड़ें
वहीं इस दौरान उन्होंने कहा कि संघ बहुत बड़ा संगठन है और अब 100 साल होने वाले हैं। दुनिया में आरएसएस जैसा स्वयंसेवी संगठन होगा, ऐसा मैंने तो नहीं सुना है। करोड़ों लोग इससे जुड़ें हैं, लेकिन संघ को समझना इतना आसान है। संघ के काम को समझने का प्रयास करना चाहिए। संघ बेहतर जीवन जीने में एक अच्छी दिशा देता है। दूसरा देश ही सब कुछ है और जनसेवा ही प्रभु सेवा है, ये बातें जो वेद काल से कहा गया है, वही बातें आरएसएस कहता है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आरएसएस के कुछ स्वयंसेवकों ने शिक्षा में क्रांति लाने के लिए विद्या भारती नाम का संगठन चला रहे हैं। उनके करीब 25 हजार स्कूल चलते हैं, जहां करोड़ों बच्चों को बहुत काम पैसे में पढ़ाया जाता है। आरएसएस ने 100 साल में दुनिया के चकाचौंध से दूर रहते हुए एक समर्पित भाव से देश की सेवा की है।