मुडा जमीन आवंटन मामले में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को क्लीन चिट,
नई दिल्ली। मुडा मामले में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और उनकी पत्नी को क्लीन चिट मिल गई है। इम मामले में लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि सीएम सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। कर्नाटक में मुडा जमीन आवंटन मामले में 25 सितंबर को विशेष अदालत के आदेश के बाद 27 सितंबर को लोकायुक्त पुलिस ने सीएम सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती और पत्नी के भाई मल्लिकार्जुन स्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। लोकायुक्त पुलिस ने कहा कि मुडा जमीन आवंटन मामले में सबूतों के अभाव में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती के खिलाफ आरोप साबित नहीं किए जा सके। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने अंतिम रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंप दी है। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा 2016 से 2024 तक 50:50 के अनुपात में मुआवजा भूखंड प्रदान करने के आरोपों के आगे की जांच की जाएगी और धारा 173 (8) सीआरपीसी के तहत एक अतिरिक्त अंतिम रिपोर्ट उच्च न्यायालय को सौंपी जाएगी।
2020 में बीजेपी सरकार ने किया बंद
मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी। 50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50% के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। जिसे 2020 में बीजेपी सरकार ने बंद कर दिया था। सरकार की तरफ से योजना को बंद करने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा था। सारा विवाद इसी से जुड़ा है। आरोप है कि मुडा ने इस जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर तृतीय चरण की योजना विकसित कर दी।