केंद्र सरकार के पाकिस्तान से सिंधु जल संधि को रद्द करने पर सीएम अब्दुल्ला ने कहा- कश्मीर कभी भी इस संधि के पक्ष में नहीं रहा

Update: 2025-04-25 13:58 GMT

नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान से सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया। भारत सरकार के इस फैसले के बाद सभी राजनीतिक पार्टी ने साथ दिया है। वहीं अब केंद्र सरकार के इस

फैसले पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा भारत सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं और जहां तक ​​जम्मू-कश्मीर का सवाल है, हम कभी भी सिंधु जल संधि के पक्ष में नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा शुरू से यह मानना रहा है कि सिंधु जल संधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे गलत है।

जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे अनुचित दस्तावेज

बता दें कि सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस बैठक के दौरान, मैंने केंद्रीय गृह मंत्री से बात की और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि अन्य राज्यों में रहने वाले जम्मू-कश्मीर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे। गृह मंत्रालय द्वारा एक एडवाइजरी जारी की जाएगी और केंद्रीय मंत्री ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की है।

हालांकि सीएम अब्दुल्ला ने इस दौरान आगे कहा कि हमारा हमेशा से मानना ​​रहा है कि सिंधु जल संधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे अनुचित दस्तावेज है, यह खेदजनक है कि यह हमला हुआ और हमने यह सुनिश्चित किया कि बैठक में हमारे सामने जो भी मुद्दे रखे गए, हम उन पर काम करेंगे।

अतिरिक्त सावधानी बरतने का किया अनुरोध

बता दें कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि उनकी सरकार उन राज्यों की सरकारों के संपर्क में है जहां पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद कश्मीरियों को कथित तौर पर परेशान किया जा रहा है। वहीं सीएम अब्दुल्ला ने एक्स हैंडल पर लिखा कि जम्मू-कश्मीर सरकार उन राज्यों की सरकारों के संपर्क में है जहां से इस तरह की खबरें मिल रही हैं। मैं इन राज्यों के अपने समकक्ष मुख्यमंत्रियों के भी संपर्क में हूं और मैंने उनसे अतिरिक्त सावधानी बरतने का अनुरोध किया है।

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