बहादुर शाह जफर के 'वंशज' याकूब तुसी ने औरंगजेब की कब्र को लेकर संयुक्त राष्ट्र को लिखा पत्र, जानें क्या
याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे का संज्ञान लें;
नई दिल्ली (राशी सिंह)। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) स्थित मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र एक बार फिर चर्चा का विषय बनी हुई है। खुद को अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह ज़फर का वंशज बताने वाले याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को पत्र लिखकर कब्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। यह अपील 17 मार्च को नागपुर में एक रैली के दौरान भड़की हिंसा के बाद की गई, जहां औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग की गई थी। हिंसा के दौरान पत्थरबाज़ी हुई और धार्मिक ग्रंथ जलाए जाने की अफवाहें फैलीं। अब तक इस घटना में 92 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
1958 के अधिनियम के तहत संरक्षित है मकबरा, किसी भी छेड़छाड़ को बताया दंडनीय अपराध
याकूब तुसी ने अपने पत्र में लिखा है कि वह उस वक्फ संपत्ति के मुतवल्ली हैं, जहां औरंगजेब का मकबरा स्थित है। उन्होंने कहा कि यह स्थल प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत संरक्षित है और ‘राष्ट्रीय महत्व का स्मारक’ घोषित किया जा चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अधिनियम के अनुसार, संरक्षित स्मारक पर किसी भी प्रकार का अनधिकृत निर्माण, परिवर्तन या विनाश न केवल अवैध है, बल्कि गंभीर दंडनीय अपराध भी माना जाएगा।
सोशल मीडिया और फिल्मों से भड़क रही भावनाएं
तुसी ने पत्र में कहा कि फिल्मों, सोशल मीडिया और विभिन्न मीडिया आउटलेट्स पर ऐतिहासिक तथ्यों की गलत प्रस्तुति के चलते जनता की भावनाएं भड़क रही हैं। उन्होंने बताया कि इन वजहों से नफरत फैलाने वाले अभियान, विरोध प्रदर्शन और पुतले जलाने जैसी घटनाएं हो रही हैं, जो सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा हैं।
संस्कृति संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का हवाला
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत यूनेस्को की 1972 की विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत कन्वेंशन का हस्ताक्षरकर्ता है, जिसके तहत भारत पर यह दायित्व है कि वह अपनी सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा करे। पत्र में चेतावनी दी गई कि ऐसे स्मारकों की उपेक्षा या गैरकानूनी बदलाव अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन होगा।
संयुक्त राष्ट्र से कार्रवाई की अपील
अपने पत्र के अंत में याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे का संज्ञान लें और भारत सरकार तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को यह निर्देश दें कि औरंगजेब की कब्र को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार पूर्ण सुरक्षा, कानूनी संरक्षण और स्थायी सुरक्षा दी जाए।