नई संसद के बाद अब यूपी की नई विधानसभा बनेगी, खर्च होंगे 3 हजार करोड़ रुपए, योगी सरकार का मेगा प्लान
दिल्ली की नई संसद भवन की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में भी नई विधानसभा बनाई जाएगी. बताया जा रहा है कि नई विधानसभा की आधारशिला पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर रखी जा सकती है. इसके निर्माण पर करीब 3 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इस नई बिल्डिंग का निर्माण निर्माण दारुलशफा और आसपास के इलाकों को मिलाकर किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक राज्य की योगी सरकार राजधानी लखनऊ में नई विधानसभा का गठन करेगी. इसकी आधारशिला दिसंबर 2023 में रखी जा सकती है और इसका निर्माण कार्य 2027 से पहले पूरा हो जाएगा. सरकार चाहती है कि 25 दिसंबर 2023 को अटल जी के जन्मदिन पर पीएम मोदी इसकी आधारशिला रखें.
मौजूदा विधानसभा भवन करीब 100 साल पुराना है
दरअसल, मौजूदा विधानसभा भवन लगभग 100 साल पुराना है। ये लखनऊ के हजरतगंज में स्थित है. जब विधानसभा की कार्यवाही चल रही होती है तो जगह कम होने के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझना पड़ता है. भविष्य में सदस्यों की संख्या और अन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नई विधानसभा की जरूरत महसूस की जा रही है. भविष्य में होने वाले परिसीमन को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार का लक्ष्य 18वीं विधानसभा का कम से कम एक सत्र नये विधान भवन में आयोजित करना है. मौजूदा विधानसभा भवन का उद्घाटन 1928 में हुआ था। वहीं, बन रहे नए विधान भवन का उद्घाटन 2027 से पहले करने का लक्ष्य है। गौरतलब है कि नए विधानसभा भवन का प्रस्ताव पहले ही पारित हो चुका है।
यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने क्या कहा?
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने 'आज तक' से कहा कि उनकी इच्छा है कि उत्तर प्रदेश को जल्द ही नई विधानसभा मिले. उनका कहना है कि यह सरकार का काम है और उन्हें अभी तक इसकी जानकारी नहीं दी गयी है लेकिन वह नयी विधानसभा के गठन का इंतजार कर रहे हैं.
दिल्ली में नए संसद भवन का काम शुरू
बता दें कि दिल्ली में नए संसद भवन का काम 19 सितंबर (मंगलवार) से शुरू हो गया है. पीएम मोदी ने दिसंबर, 2020 में नए संसद भवन की आधारशिला रखी। फिर 28 मई 2023 को उन्होंने खुद इसका उद्घाटन किया। तीन साल से भी कम समय में नई संसद बनकर तैयार हो गई। संसद की यह चार मंजिली इमारत 64,500 वर्ग मीटर में फैली हुई है। इसे बनाने में लगभग 1200 करोड़ रुपये की लागत आई है। नई संसद कई हाईटेक सुविधाओं से लैस है.
नये संसद भवन में लोकसभा कक्ष में 888 और राज्यसभा कक्ष में 300 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होने पर लोकसभा कक्ष में कुल 1280 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है.