राजनीति में भी कंगना ने खुद को समझ लिया 'क्वीन'! कृषि कानून को लेकर दिया ऐसा बयान कि बीजेपी ने कर लिया किनारा, सियासी शोर के बाद लिए बयान वापस

Update: 2024-09-25 06:36 GMT

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश की मंडी से बीजेपी सांसद और बालीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में आ गई है। अब अभिनेत्री ने किसान से जुड़ा बयान दिया है। उन्होंने वापस लिए गए तीनों कृषि कानून को फिर से लागू करने की मांग उठाई है। उनके इस बयान पर विपक्ष लगातार बीजेपी पर हमलावर है। हालांकि कंगना के इस बयान से बीजेपी ने किनारा कर लिया है और कहा कि यह उनका व्यक्तिगत बयान है। विवाद के बाद कंगना ने एक्स पर एक वीडियो जारी कर अपना बयान दी है जिसमें उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह किसान कानून को लेकर पार्टी के साथ है और कहा कि मैं अपने बयान वापस लेती हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं अब एक कलाकार नहीं हूं पार्टी की कार्यकर्ता हूं और मेरे विचार अपने नहीं वह पार्टी का स्टैंड होना चाहिए।

कंगना के बयान पर भाजपा नेता गौरव भाटिया ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर, भाजपा सांसद कंगना रनौत का केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर बयान वायरल हो रहा है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह बयान उनका निजी बयान है। कंगना रनौत भाजपा की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और यह कृषि बिलों पर भाजपा के दृष्टिकोण को नहीं दर्शाता है। हम इस बयान को अस्वीकार करते हैं।

कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कंगना रनौत का एक वीडियो शेयर करते हुए एक्स पर कहा कि किसानों पर लादे गए तीनों काले कानून वापस लाने चाहिए। यह बात बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कही है। देश के 750 से अधिक किसान शहीद हो गए, तब जाकर मोदी सरकार जागी और ये काले कानून वापस लिए गए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अब बीजेपी सांसद इन कानूनों को वापस लाने की योजना बना रहे हैं। कांग्रेस किसानों के साथ है। इन काले कानून की वापसी अब कभी नहीं होगी, चाहे नरेंद्र मोदी और उनके सांसद जितना जोर लगा लें।

दरअसल वीडियो में कंगना ने कहा था कि किसानों के जो कानून हैं, जो अब वापस ले लिए गए हैं, मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए। तीन कानून किसानों के लिए फायदेमंद थे। जैसे बाकी जगहों के किसान समृद्ध हो रहे हैं, हमारे किसानों को समृद्ध होना चाहिए। कुछ राज्यों में किसान समूहों के विरोध के कारण सरकार ने इन्हें वापस ले लिया था। किसान देश के विकास में स्तंभ हैं। मैं उनसे हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि वे अपने भले के लिए कानूनों को वापस मांगें।

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