ईएमआई न बढ़ी न घटी! आरबीआई ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर रखा बरकरार
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने लगातार 10वीं बार नीतिगत ब्याज दरों (रेपो रेट) में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट को एमपीसी 51वीं बैठक में चर्चा के बाद 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी की बैठक के बाद आज यानी बुधवार को यह एलान किया है। उन्होंने कहा कि इस बार भी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यानी अब आम लोगों के होम लोन की ईएमआई न बढ़ेगी और न ही घटने वाली है।
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि लचीले मौद्रिक नीति ढांचे ने 8 साल पूरे कर लिए हैं, यह एक प्रमुख संरचनात्मक सुधार है। यह 21वीं सदी के भारत का एक बड़ा संकरात्मक सुधार है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति के रुख को बदलकर 'तटस्थ' कर दिया। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने लगातार 10वीं बार बेंचमार्क ब्याज दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।
आरबीआई ने सामान्य मानसून को देखते हुए वित्त वर्ष 2025 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। शक्तिकांत दास ने कहा कि अच्छे मानसून और पर्याप्त बफर स्टॉक के कारण इस वर्ष के अंत में खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि प्रतिकूल आधार और खाद्य कीमतों में तेजी के कारण सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति में बड़ी उछाल आने की आशंका है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दर पर यथास्थिति रखने के पक्ष में 5:1 से फैसला किया। उन्होंने कहा कि भारतीय बैंकों के स्वास्थ्य मानदंड मजबूत बने हुए हैं। हालांकि, उन्होंने उपभोक्ता ऋण और क्रेडिट कार्ड बकाया के प्रति बैंकों को आगाह भी किया।