आगर मालवा में एक वकील ने चलती कोर्ट में जज पर जूता फेंका

Update: 2024-01-23 09:04 GMT

आगर मालवा में केस की सुनवाई के दौरान एक वकील को इतना गुस्सा आ गया कि उसने शर्मिंदगी भरी हरकत कर दी। उसने जज की ओर जूता फेंका। जज जूते से बचने के लिए नीचे बैठ गए। इस सब में उन्हें कान में चोट लगी है। पुलिस ने शासकीय कार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।

मामला सोमवार अपराह्न चार बजे का है। केस की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता नितिन अटल इतना उग्र हो गया कि उसने जज की ओर जूता उछाल दिया। इतना करने के बाद वह मौके से फरार हो गया। जूता जज के कान पर लगा, जिसकी लिखित शिकायत उन्होंने कोर्ट के बाबू ज्ञानसिंह पिता दरयाब सिंह किरार के माध्यम से आगर थाने में दर्ज करवाई है। आगर पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार बाबू ने प्रथम जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आगर का पत्र पुलिस के सामने पेश किया। इसके साथ अजय जाटव व वकील कौसर खान की प्रमाणित गवाही के दस्तावेज भी लगाए गए हैं। इसके आधार पर पुलिस ने नितिन अटल के खिलाफ आईपीसी की धारा 332, 353, 294 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज की है।

वकालतनामे को लेकर हुआ विवाद

एक मामले में सुनवाई के लिए चार बजे दोनों पक्ष प्रस्तुत हुए थे। नितिन अटल और पंकट अटल पक्षकार थे, जिन्होंने पुष्पराज सिंह को अधिवक्ता बनाते हुए वकालतनामा पेश किया। इस पर दूसरे पक्ष की वकील कौसर खान ने आपत्ति उठाई। उन्होंने कहा कि पुष्पराज सिंह के हस्ताक्षर फर्जी हैं। उनके सही हस्ताक्षर का मिलान एक अन्य दस्तावेज से किया जाना चाहिए। नितिन अटल कई मामलों में पुष्पराज सिंह के फर्जी हस्ताक्षर कर वकालतनामा पेश कर चुके हैं। इस बात को लेकर नितिन अटल को गुस्सा आ गया। उन्होंने विवाद शुरू कर दिया। यह भी कहा कि वह वकालनामा कोर्ट नहीं लाए हैं। जब वहां बाबू ने पुष्टि की कि वकालतनामा तो नितिन अटल ही लाए हैं। तब वह अभद्र व्यवहार करने लगा। जज से भी अभद्रता की। उसे कोर्ट ने हिदायत भी दी, लेकिन उसने जूता उतारा और पीठासीन अधिकारी की ओर फेंका। जज इस दौरान कुर्सी पर नीचे हो गए। उनके कान में चोट लगी है। कोर्ट मुंशी और कोर्ट के अन्य स्टाफ ने बीच-बचाव किया। फिर नितिन डायस पर रखी फाइलों को खींचने लगा। चिल्ला-चिल्लाकर उसने शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई।

10 मिनट रहा काम बंद

इस घटनाक्रम के बाद भी नितिन ने डायस के पीछे गिरा जूता उठाया और खुद का मोबाइल निकालकर रिकॉर्डिंग करने लगा। अनर्गल आरोप भी लगाए। जज को जान से मारने की धमकी भी दी। इस उठापटक से जज की तबियत भी कुछ देर के लिए बिगड़ी। घबराहट की वजह से 10 मिनट तक कोई काम नहीं हो सका। उन्होंने शाजापुर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को घटनाक्रम से अवगत कराया। फिर एफआईआर कराने के लिए पुलिस को पत्र लिखा।

जज ने परिवार को भी बताया डर

जज ने कहा कि नितिन अटल एवं उनके परिजनों के खिलाफ कूटरचना समेत अन्य आपराधिक प्रकरण कोर्ट में लंबित है। इनमें वह व्यक्तिगत तौर पर मुल्जिम है। प्रभावी कार्यवाही न हो, इसके लिए दबाव बनाते हैं। पीठासीन अधिकारी से रंजिश रखते हैं। इससे मुझे और मेरे परिवार को डर है। नितिन अटल ने जो किया, उससे मैं डरा हूं। कोर्ट का काम भी बाधित हुआ है। न्यायालय की गरिमा को ठेस पहुंची है। उचित कार्यवाही की जाए। 

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