उड़ानों की लेटलतीफी और रद्द होने की वजह क्या? जानें AI में मर्जर से पहले क्यों मुश्किल में एयरलाइन

Update: 2024-04-02 06:16 GMT

विस्तारा का एयर इंडिया के साथ विलय होना है, पर इस विलय से पहले एयरलाइन की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। पिछले कुछ दिनों में विस्तारा के विमानों के रद्द होने और देरी से चलने की खबरें आ रही है। विस्तार से जानिए ऐसी स्थिति क्यों बनी है। 

देश का एयरलाइन उद्योग फिर चर्चा में है। इस बार चर्चा में टाटा समूह की स्वामित्व वाली विस्तारा एयरलाइन है। विस्तारा का एयर इंडिया के साथ विलय होना है, पर इस विलय से पहले एयरलाइन की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। पिछले कुछ दिनों में विस्तारा के विमानों के रद्द होने और देरी से चलने की खबरें आ रही है। एयरलाइन को बीते कुछ दिनों में अपनी उड़ानों की संख्या को अस्थाई रूप से कम करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

 सोमवार को विस्तारा की विमानों के साथ क्या हुआ?

सोमवार को विस्तारा एयरलाइन की लगभग 50 उड़ानें रद्द की गई है। वहीं लगभग 160 के करीब विमान देरी से उड़े। आशंका है मंगलवार को करीब 70 उड़ानें रद्द हो सकती हैं। अगर ऐसा होता है विस्तारा के यात्रियों को भारती परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार विस्तारा एयरलाइन 300 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन करती है। विमानन कंपनी प्रभावित यात्रियों का बैकलॉग हटाने के लिए घरेलू मार्गों पर बड़े आकार के ड्रीमलाइनर और एयरबस ए321 तैनात करने की योजना बना रही है।

विमानों के रद्द होने का एयर इंडिया के साथ होने वाले मर्जर से क्या संबंध है?

एयर इंडिया में विस्तारा के विलय की प्रक्रिया चल रही है। इस विलय से पहले विमानन कंपनी के परिचालन में आ रही दिक्कतों को इस मर्जर से भी जोड़कर देखा जा रहा है। विस्तारा एयरलाइन के कर्मचारियों में इस बात को लेकर असंतोष है कि मर्जर के बाद उनके वेतन में कटौती हो सकती है। हाल के महीनों में कई पायलट्स ने बीमार होने की भी जानकारी दी है। ऐसी स्थिति में चालक दल की अनुपलब्धता विमानों के देर होने और रद्द होने का कारण बनी है। विशेष रूप से पिछले 2-3 दिन एयरलाइन के लिए चिंताजनक रहे हैं। इस दौरान सोशल मीडिया पर शिकायतों की बाढ़ आ गई है।सोमवार शाम को एयरलाइन ने परिचालन में बाधा आने की खबरों को स्वीकार भी किया। हालांकि मुंबई में सोमवार को अन्य एयरलाइनों की उड़ानों में भी 30-40 मिनट की देरी हुई, लेकिन इसकी वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुंबई यात्रा से जुड़ी वीवीआईपी गतिविधियों को माना गया।

परिचालन में आ रही दिक्कतों पर एयरलाइन क्या कह रही है?

विस्तारा ने कहा कि उसने अपने नेटवर्क में पर्याप्त कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए उड़ानों की संख्या अस्थायी रूप से कम करने का फैसला किया है, और प्रभावित ग्राहकों को वैकल्पिक उड़ान विकल्प या रिफंड की पेशकश की जा रही है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, 'हम समझते हैं कि परिचालन से जुड़ी बाधाओं से हमारे ग्राहकों को असुविधा हुई है और हम उनसे ईमानदारी से माफी मांगते हैं। हम स्थिति को स्थिर करने की दिशा में काम कर रहे हैं और बहुत जल्द अपनी नियमित क्षमता के साथ संचालन फिर से शुरू करेंगे।

विमानों की देरी पर एयरलाइन के कर्मचारी क्या कह रहे?

जहां विस्तारा के पायलट संभावित वेतन कटौती की शिकायत कर रहे हैं, वहीं अन्य कर्मचारियों में भी असंतोष है। एयरलाइन के एक कर्मचारी ने कहा, "मुद्दा यह है कि विलय के बाद बनने वाली एयरलाइन में हम किस स्तर पर होंगे।" सूत्रों का कहना है कि विस्तारा का एयर इंडिया में विलय के बाद वरिष्ठ भूमिकाओं पर तो अधिक असर नहीं पड़ेगा पर विस्तारा के अन्य कर्मियों को समायोजित करने की बहुत गुंजाइश नहीं है।" हालांकि इससे पहले, एयरएशिया इंडिया के एयर इंडिया एक्सप्रेस में विलय के दौरान इसी तरह की समस्या देखने को नहीं मिली थी।

यात्रियों की परेशानी दूर करने के लिए सरकार क्या कर रही?

विस्तारा एयरलाइंस की बड़ी संख्या में फ्लाइट्स कैंसिल होने और फ्लाइट्स में देरी होने पर लोगों ने नाराजगी के बाद सरकार भी हरकत में आ गई है। सोशल मीडिया पर यूजर्स कंपनी की सर्विस को लेकर नाराजगी जता रहे हैं। विस्तारा एयरलाइंस की इतनी बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने और उड़ानों में देरी होने पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी कंपनी से जवाब मांग लिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।

विस्तारा में टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइन की हिस्सेदारी कितनी?

विस्तारा का एयर इंडिया में मार्च 2024 तक विलय का लक्ष्य रखा गया था। फिलहाल यह प्रक्रिया जारी है। विस्तारा एयरलाइंस में टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस दोनों की पार्टनरशिप है। विलय से पहले विस्तारा में सिंगापुर एयरलाइंस की 51 फीसदी की हिस्सेदारी है और इसमें टाटा संस की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के बाद विलय के बाद एयर इंडिया में सिंगापुर एयरलाइंस की हिस्सेदारी 25 फीसदी होगी। एयरलाइन में वह करीब 2000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

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