गृह मंत्री शाह ने गांधीनगर से दाखिल किया पर्चा, जानिए क्या कहता यहां की सीट का गणित

Update: 2024-04-19 07:39 GMT

गांधीनगर। 2019 के लोकसभा चुनाव में गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के गांधीनगर से पर्चा दाखिल किया था। इस सीट गृहमंत्री ने 65 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए। जबकि कांग्रेस पार्टी के सीजे चावड़ा को सिर्फ 17 प्रतिशत मतों से संतुष्ट होना पड़ा। हालांकि, इस बार कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार का चेहरा बदल दिया है। इस सीट से अमित शाह की जीत पक्की है क्योंकि पिछले चुनाव में शाह ने इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार को तीन गुणा से ज्यादा वोट शेयर से हाराया था। इसकी एक वजह विपक्ष पार्टी के बीच एकजुटता की कमी और उम्मीदवारों का आम लोगों के बीच मेल नहीं बैठा पाना है।

कांग्रेस के लिए ये सीट जीतना क्यों होगा कठिन

गुजरात की गांधी नगर सीट पर दो दशक से ज्यादा भाजपा का कब्जा रहा है। 1998 में सबसे पहले भाजपा के कद्दावर नेता ने यहां से जीत दर्ज की थी। आडवाणी ने यहां से लगातार छह बार से ज्यादा जीत दर्ज की थी और हर बार कांग्रेस मुंह की खाती आई है। 2019 में अमित शाह ने पहली बार यहां से नामांकन दाखिल किया था और कांग्रेस को 17 प्रतिशत वोट मिले थे। शाह ने कांग्रेस के उम्मीदवार को 5,57,014 वोटों से हाराया था। ऐसे में साफ कहा जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी के लिए यहां से जीत दर्ज करना बहुत मुश्किल होगा।

इस बार कांग्रेस ने बदला अपना उम्मीदवार

कांग्रेस ने इस बार यहां से महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा है क्योंकि पिछले बार कांग्रेस की तरफ से गांधीनगर से पर्चा दाखिल करने वाले सीजे चावड़ा बुरी तरह से हार गए थे और उसके बाद भाजपा में शामिल हो गए। गुजरात कांग्रेस ने इस सीट से महिला उम्मीदवार पर दांव लगाया है ताकि वोट शेयर में किसी हद तक बढ़ोतरी देखने को मिल जाए। बहरहाल, ऐसे में स्पष्ट नहीं कहा जा सकता कि कांग्रेस की उम्मीदवार किसी तरह अमित शाह को इस सीट से टक्कर दे पाएं।

चुनाव प्रचार की वजह से कांग्रेस भाजपा के आगे फेल

कांग्रेस पार्टी भाजपा के चुनाव प्रचार के आगे फेल है, इसका असर जगह-जगह मोदी और भाजपा के पोस्टर से लगाया सकता है। भाजपा उम्मीदवार और गृहमंत्री अमित शाह को गांधी नगर सीट से इसलिए भी फायदा मिलेगा क्योंकि ये उनका गृह राज्य है और इस सीट से दो दशक से ज्यादा समय से पार्टी जीत दर्ज करती आई है।

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