ISI महिला एजेंट के जाल में ऐसे फंसा था सतेंद्र, अब खुला असली राज, हिल गया अफसरों का दिमाग
भारतीय दूतावास में सुरक्षा सहायक सतेंद्र सिवाल आईएसआई महिला एजेंट के जाल में कैसे फंसा था। अब यह राज खुल गया है। उधर, आईएसआई महिला एजेंट का सच जानकर बड़े अफसरों का दिमाग भी हिल गया।
मास्को स्थित भारतीय दूतावास में सुरक्षा सहायक सतेंद्र सिवाल को आईएसआई महिला एजेंट ने खुद को भारतीय बताकर हनी ट्रैप में फंसाया था। महिला ने सतेंद्र को बताया था कि वो आजकल कनाडा में रहती है। उसके पिता का वहां बिजनेस है। लंबे समय तक सतेंद्र को महिला के बारे में शक ही नहीं हुआ कि जो महिला उससे मोहब्बत की बातें कर रही है, वो दरअसल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की एजेंट है।
हापुड़ के शाह महीउद्ददीनपुर उर्फ श्यामपुर गांव निवासी सतेंद्र सिवाल विदेश मंत्रालय में मल्टी टास्किंग स्टाफ के तौर पर काम करता था। ऐसे में आईएसआई महिला एजेंट ने फेसबुक पर पूजा नाम से प्रोफाइल बनाकर उससे दोस्ती की बातें करनी शुरू की। उसने सतेंद्र को बताया कि वह भारत की रहने वाली है, लेकिन आजकल वो कनाडा में रहती है। उसने सतेंद्र को बताया कि उसे पिता कनाडा में ही बड़े बिजनेसमैन हैं। सतेंद्र उसकी बातों में फंसता चला गया।
शुरुआत में उसने सतेंद्र को बताया कि उसे अपने एक प्रोजेक्ट के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय और सेना की कुछ जानकारियां चाहिए। सतेंद्र हनी ट्रैप में फंसकर अपने मंत्रालय के अलावा दूसरी वो जानकारियां भी देने लगा जो उसके कार्यक्षेत्र में नहीं थीं।
एटीएस सूत्रों की मानें तो आखिरी तक भी सतेंद्र को इस बात का आभास नहीं हुआ कि जिस महिला पूजा से वह बात कर रहा है वो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की हैंडलर है।
बैंक अकाउंट की चल रही जांच
सतेंद्र के बैंक अकाउंट की एटीएस जांच में जुटी है। अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई कि उसके अकाउंट में कितनी रकम आई। हालांकि एटीएस द्वारा पूछताछ में सतेंद्र ने रकम मिलने की बात कुबूल नहीं की, उसने यही बताया कि वह सारी जानकारी दोस्ती के चलते मुहैया करा रहा था।