80 वर्ष के लकी चार्म खरगे के बढ़ते कदम,और पिछड़ते राहुल क्या होगा कांग्रेस का भविष्य?

Update: 2023-05-18 10:53 GMT

Mallikarjun Kharge

  • क्या कांग्रेस हो जाएगा गांधी मुक्त

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) कांग्रेस के लिए भाग्यशाली साबित हुए दिखाई दे रहे हैं. जो पार्टी 2014 से लगातार हार रही थी वो पार्टी एक के बाद एक दो बड़े राज्य जीतती है तो चर्चा तो होगी। मल्लिकार्जुन खडगे से पहले जब राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष थे तो कांग्रेस पार्टी जितना तो दूर सम्मानजनक प्रदर्शन भी नही कर पा रही थी।

तो क्या कांग्रेस में अब वो समय आ गया जब पार्टी गांधी परिवार की मोनोपली से बाहर आ जाए। क्योंकि जब से मल्लिकार्जुन खड़गे अध्यक्ष बने है कांग्रेस के प्रदर्शन में सुधारना हो रही है। यही नहीं कांग्रेस के कार्यकर्ता भी अब पहले से ज्यादा एक्टिव नजर आ रहे है। कांग्रेस का प्रदर्शन जहा एक और पार्टी के लिए शुभ संकेत है वही राहुल गांधी पर सवाल भी खड़े करता है।

  • खड़गे के अध्यक्ष बनने के फायदे

खड़गे के 26 अक्टूबर 2022 को पदभार संभालने के बाद से हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक में कांग्रेस ने जीत हासिल की. खड़गे ने पदभार संभालने के तुरंत बाद हिमाचल प्रदेश की निगरानी करते हुए भाजपा शासित राज्य हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए जरूरी जीत दिलाई. इसके छह महीने बाद ही 80 वर्षीय खड़गे ने 13 मई 2023 को कर्नाटक में कांग्रेस के लिए एक बड़ी जीत दर्ज की.

खड़गे ने गृह राज्य होने के नाते न केवल पूरे कर्नाटक में प्रचार किया बल्कि वे पिछले एक महीने से दक्षिण राज्य में मौजूद रहे. हालांकि कर्नाटक खड़गे के लिए एक प्रतिष्ठा का मुद्दा था जहां उन्होंने अपने अनुभव से राज्य की टीम को एकजुट रखा. खासकर राज्य इकाई के प्रमुख डीके शिवकुमार और सीएलपी नेता सिद्धारमैया के नेतृत्व वाले गुटों को.

  • 80 वर्ष की आयु में भी एक्टिव खरगे

पार्टी सूत्रों के अनुसार, खड़गे ने कर्नाटक अभियान के दौरान लगभग 36 जनसभाओं और पांच बार मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने भाजपा और भगवा पार्टी के अभियान का नेतृत्व करने वाले पीएम की आलोचना की. खड़गे ने 80 साल की उम्र में भी बड़ी ऊर्जा के साथ पूरे कर्नाटक में प्रचार किया. खड़गेजी एक दलित नेता होने के नाते उन्होंने एससी/एसटी मतदाताओं के बीच एक सकारात्मक संदेश भेजा जिसका फायदा पार्टी को हुआ।

दरअसल, पार्टी प्रमुख का पदभार संभालने के तुरंत बाद, खड़गे ने 6 नवंबर 2022 को बेंगलुरु का दौरा किया था. इस दौरान उनका राज्य के नेताओं ने अभिनंदन किया था. खड़गे ने तब राज्य की टीम को 2023 की चुनावी जीत पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा था. खड़गे राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक पिता की तरह हैं. पार्टी के शीर्ष पद पर उनकी पदोन्नति ने पूरे देश में एक सकारात्मक संदेश भेजा था. उन्हें केवल एक दलित नेता के रूप में नहीं देखा जाता है, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है जो समाज के सभी वर्गों से संबंधित है. वह लिंगायतों और ओबीसी के साथ-साथ अन्य समुदायों के भी करीब हैं.

  • 2024 पर नजर

2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय पार्टी से स्थानिक पार्टी ने बदलती जा रही है. देश के गिनेचुने राज्यों में हो कांग्रेस की सरकार होने से कोई भी बड़ा नेता कांग्रेस का अध्यक्ष वाला काटों का ताज नही पहनना चाहता था। इंक्लूडिंग राहुल गांधी। ऐसे में 80 वर्ष के मल्लिकार्जुन खरगे जो प्रदर्शन दिखा रहे है वो तारीफ के काबिल है।

जल्दी ही 2024 के लोकसभा चुनाव होने है लेकिन उससे पहले राजस्थान एक बड़ा राज्य है जहा चुनाव होने है। यह वैसे तो कांग्रेस की सरकार है पर जिसतरह के हालत चल रहे है ऐसे में राजस्थान को वापिस हासिल करना कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा। इंसान हालातों के बावजूद अगर खरगे पार्टी से 2024 के लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करवा पाते है तो पार्टी कार्यकर्ताओं के नजर में खरगे गांधी से बड़े होने लगेंगे । क्या कांग्रेस इसके लिए तयार है?

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