'रावण को हम गलत नहीं मानते', श्रीलंका के मंत्री ने बताई वजह, बोले- रामायण हमारी साझा संस्कृति
थोंडामन ने साल 2022 में दिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि सॉफ्ट पावर, अर्थशास्त्र, राजनीति से परे जाकर संबंधों को मजबूत करने में अहम साबित हो सकती है।
श्रीलंका सरकार के मंत्री ने कहा है कि रामायण, भारत और श्रीलंका की साझा संस्कृति है और दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने में रामायण का भी योगदान है। श्रीलंका के मंत्री जीवन थोंडामन ने शुक्रवार को नई दिल्ली में रामायण पर नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। 'चित्रकाव्यम रामायणनम' नामक ये प्रदर्शनी दो महीने तक चलेगी। कार्यक्रम के दौरान श्रीलंका के जल आपूर्ति मंत्री ने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए लोगों के लोगों से संबंध बेहद अहम है।
रावण को लेकर ये बोले श्रीलंका के मंत्री
जीवन थोंडामन ने कहा कि 'कला, संस्कृति को सहेजने का बेहद सशक्त माध्यम है। इन प्रदर्शनियों के जरिए हम देख सकते हैं कि रामायण, भारत और श्रीलंका के लिए साझा संस्कृति है और ये दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करती है। हालांकि हमारे देश में रामायण में रावण को बुरा नहीं माना जाता। रावण एक काबिल प्रशासक था। संत वाल्मिकी की रामायण में भी युद्धभूमि में ही रावण गिरा था। तब भी भगवान राम ने उसके साथ बैठकर कला, प्रशासन का ज्ञान लिया था। इसलिए हम रावण को विलेन नहीं मानते।'
श्रीलंका के मंत्री के साथ ही इस प्रदर्शन का उद्घाटन संयुक्त रूप से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी द्वारा किया गया। थोंडामन ने साल 2022 में दिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि सॉफ्ट पावर, अर्थशास्त्र, राजनीति से परे जाकर संबंधों को मजबूत करने में अहम साबित हो सकती है। न सिर्फ रामायण बल्कि बौद्ध धार्मिक स्थल भी दोनों देशों को संबंधों के लिए अहम हैं। दोनों देशों में पर्यटन के भी खूब संभावनाएं हैं। हवाई, शिपिंग और जमीनी तौर पर कनेक्टिविटी बढ़ने से दोनों देशों के पर्यटक एक दूसरे के देशों में घूम सकेंगे।