सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में हिंसक आंदोलन, बीएसएफ ने 572 भारतीय छात्रों, 133 नेपाली छात्रों और 4 भूटानी छात्रों को सुरक्षित वहां से लाया

Update: 2024-07-21 09:17 GMT

नई दिल्ली। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में वहां के छात्र लगातार हिंसक आंदोलन कर रहे हैं। देश में अशांति को देखते हुए वहां के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई कर रहे भारतीय, नेपाली और भूटानी छात्र अपने देश वापस आ रहे हैं।

पड़ोसी देश के बिगड़ते हालात को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने इन छात्रों की सुरक्षित वापसी में मदद के लिए बंगाल में भारत- बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित विभिन्न भूमि चेकपोस्टों आइसीपी पेट्रापोल, घोजाडांगा एलसीएस गेदे और महादीपुर में विशेष सहायता डेस्क स्थापित किए हैं।

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी अमरीश कुमार आर्य ने आज एक बयान जारी कर बताया कि अभी तक बीएसएफ ने 572 भारतीय छात्रों, 133 नेपाली छात्रों और 4 भूटानी छात्रों की सुरक्षित वापसी में पूरी सहायता की है।

वापस लौटने वाले छात्रों की किसी भी स्वास्थ्य संबंधी चिंता को दूर करने के लिए चिकित्सा सहायता डेस्क भी स्थापित किए हैं। विशेष सहायता डेस्क के जरिए किसी भी आवश्यक दस्तावेज़ में सुधार करने में भी मदद की जा रही है। बीएसएफ डीआइजी ने बताया बीएसएफ बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ लगातार संपर्क में है। इस समन्वय के चलते रात के समय में भी छात्रों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जा रही है।

बता दें कि हिंसा और आगजनी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर बांग्लादेश सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट सेवा को भी पूरी तरह से बंद कर दिया है।

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