अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए तीन भारतवंशियों ने ठोंका दावा, जानिए किन किन के नाम है शामिल
अगले साल अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अभी से मुकाबला देखा जा रहा है। हालांकि, इस बीच कुछ भारतीय-अमेरिकी नेताओं के नाम भी इस पद के लिए सामने आ रहे हैं, जो अमेरिका को और अच्छा बनाने के लिए ट्रंप को पछाड़ना चाह रहे हैं। इन लोगों के नाम शामिल
बता दें, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ विवेक रामास्वामी, निक्की हेली और हर्षवर्धन सिंह चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, ट्रंप तमाम कानूनी चुनौतियों के बावजूद 2024 के लिए रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी की दौड़ में आगे चल रहे हैं।
अगले साल होगा उम्मीदवार का चयन
रिपब्लिकन अपनी पार्टी के अगले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को औपचारिक रूप से चुनने के लिए अगले साल जुलाई में एक राष्ट्रीय सम्मेलन करेगा। ये सम्मेलन विस्कॉन्सिन के मिल्वौकी शहर में 15 से 18 जुलाई तक होगा।
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए दावेदारी ठोंकने वालों के बारे में जाने कुछ खास बातें-
निक्की हेली
भारतीय मूल की रिपब्लिकन नेता निक्की हेली दक्षिण कैरोलिना की दो बार की गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत रह चुकी हैं। निक्की हेली लगातार तीन चुनावों में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने वाली तीसरी भारतीय-अमेरिकी हैं। इससे पहले बॉबी जिंदल साल 2016 में और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में शामिल हो चुकी हैं।
भले ही अधिकांश सर्वे में 51 वर्षीय हेली का प्रदर्शन कम बताया हो, लेकिन अगर डोनेशन की बात की जाए तो उन्होंने कई मिलियन डॉलर जुटाए है। हेली का समर्थन करने वाले सुपर पीएसी, स्टैंड फॉर अमेरिका फंड इंक ने अप्रैल से जून तक 18.7 मिलियन डॉलर जुटाए, जिससे उनकी कुल राशि 26 मिलियन डॉलर हो गई। इतना ही नहीं, हेली को अरबपति केनेथ लैंगोन, ऐलिस वाल्टन और केनेथ फिशर सहित कुछ अमीर जीओपी दानदाताओं से भी समर्थन मिला है। इन लोगों ने 6,600 डॉलर का दान दिया।
हेली का जन्म सिख माता-पिता अजीत सिंह रंधावा और राज कौर रंधावा के घर हुआ था, जो 1960 के दशक में पंजाब से कनाडा और फिर अमेरिका चले गए थे। 39 साल की उम्र में, जब उन्होंने जनवरी 2011 में पदभार ग्रहण किया, तब वह अमेरिका की सबसे कम उम्र की गवर्नर थीं, और उन्होंने दक्षिण कैरोलिना की पहली महिला गवर्नर के रूप में इतिहास रच दिया था। वह राज्य की पहली भारतीय-अमेरिकी गवर्नर थीं और दो कार्यकाल तक उन्होंने इस पद पर सेवा किया। जनवरी 2017 से दिसंबर 2018 तक उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में 29वें अमेरिकी राजदूत के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं।
विवेक रामास्वामी
भारतीय-अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी साल 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए खुद की उम्मीदवारी की घोषणा फरवरी में कर चुके हैं। उन्होंने एक बाहरी के रूप में रिपब्लिकन में प्रवेश किया था, लेकिन अब वह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस के बाद तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं।
स्वास्थ्य सेवा और तकनीकी क्षेत्र के उद्यमी विवेक रामास्वामी को रिपब्लिकन पार्टी के नौ फीसदी नेताओं का समर्थन मिला है। वहीं, ट्रंप को 47 फीसदी वोट मिले, जो डेसेंटिस के 19 फीसदी से काफी ऊपर है। रामास्वामी का जन्म अमेरिका के ओहियो के सिनसिनाटी में हुआ था। उनके माता-पिता केरल के पलक्कड़ से अमेरिका गए थे। उनके पिता का नाम गणपति रामास्वामी है, जो पेशे से इंजीनियर थे। उनकी मां गीता रामास्वामी, पेशे से एक सायकायट्रिस्ट थीं। विवेक की पत्नी अपूर्वा तिवारी ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के वेक्सनर मेडिकल सेंटर में असिस्टेंट प्रोफेसर और सर्जन हैं।
37 साल के रामास्वामी ने दवाओं को लेकर चीन पर निर्भरता समाप्त करने के वादे के साथ राष्ट्रपति पद के लिए खड़े हो रहे हैं। अगर उनकी कमाई की बात करें तो उन्होंने दूसरी तिमाही में 7.7 मिलियन डॉलर कमाए, जिसमें उनके खुद 5.4 मिलियन डॉलर शामिल थे। चुनावी अभियान शुरू होने के बाद उन्होंने अभी तक अपने 16 मिलियन डॉलर लगाए हैं।
हर्षवर्धन सिंह
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में भारतवंशी हर्षवर्धन सिंह भी शामिल हो गए हैं। एरोस्पेस इंजीनियर हर्षवर्धन ने एक वीडियो में कहा कि जीवन भर वे रिपब्लिकन रहे। उन्होंने हमेशा अमेरिका फर्स्ट की नीति के तहत काम किया। वे रूढ़िवादी हैं। सिंह ने रिपब्लिकन पार्टी के लिए न्यूजर्सी में रुढ़िवादी विंग को बहाल करने के लिए काम किया।
टेक और फार्मा कंपनियों के भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी स्वतंत्रता पर लगातार हमला किया जा रहा है। वीडियो में सिंह ने आगे कहा कि पिछले कुछ वर्षों में काफी बदलाव हुए हैं। इसलिए परिवर्तनों को पलटने और अमेरिकी मूल्यों को स्थापित करने के लिए मजबूत नेतृत्व की आवश्यक्ता है। इस वजह से मैंने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी से नामांकन भरने का फैसला किया है। बता दें, रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप सहित करीब एक दर्जन दावेदार हैं।
सिंह ने खुद को राष्ट्रपति पद के लिए एकमात्र शुद्ध उम्मीदवार बताया, क्योंकि उन्होंने कभी कोविड टीकाकरण नहीं कराया। खबर में कहा गया है कि सिंह 2017 और 2021 में न्यू जर्सी के गवर्नर के लिए, 2018 में प्रतिनिधि सभा की सीट के लिए और 2020 में सीनेट के लिए रिपब्लिकन प्राइमरी में मुकाबले में शामिल रहे, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी की ओर से नामांकन पाने में असफल रहे।