प्रधानमंत्री के सम्मान ने सभी विरोधियों को दिया करारा जवाब, मुस्लिम देश भी बहे खोल कर रहे है भारत का स्वागत

यह तब घटित हुआ है।  जब फ्रांस खुद आंतरिक विवादों से और समस्याओं से घिरा हुआ है।  एक तरफ जहां प्रधानमंत्री की छवि को दूषित करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। वही विदेशों में उन्हें हर तरह के के सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है।  फ्रांस में जो सम्मान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, किंग चार्ल्स, तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स, पूर्व चांसलर जर्मनी की एंजेला मर्केल जैसे हस्तियों को प्राप्त हो चुका है।

Update: 2023-07-15 11:54 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) दो दिवसीय फ्रांस की यात्रा पर थे।  वे पहले ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री बने वे पहले ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री है जिन्हें फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक और सैन्य सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लिजन ऑफ ऑनर (Grand Cross of the Legion of Honor) से सम्मानित किया गया है। यह तब घटित हुआ है।  जब फ्रांस खुद आंतरिक विवादों से और समस्याओं से घिरा हुआ है।  एक तरफ जहां प्रधानमंत्री की छवि को दूषित करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। वही विदेशों में उन्हें हर तरह के के सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है। 

फ्रांस में जो सम्मान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, किंग चार्ल्स, तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स, पूर्व चांसलर जर्मनी की एंजेला मर्केल जैसे हस्तियों को प्राप्त हो चुका है। प्रधानमंत्री के दौरे में भारत और फ्रांस के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई साथ दोनों देशों के साथ कई सारे डील साइन भी हुए हैं । जिनमें डिफेंस डील सबसे अग्रणी माने गए हैं भारत और फ्रांस के रिश्ते करीब 25 साल से है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)  के इस सम्मान के बाद कई विपक्षी नेताओं के भौहें चढ़ी हुई है. उनके लाख कोशिश के बावजूद न तो देश का मान कम हो रहा है ना प्रधानमंत्री का सम्मान। जहां एक ओर मणिपुर (Manipur) में हो रही हिंसा और अल्पसंख्यकों का शोषण के मुद्दे पर हर तरफ से देश को घेरने की कोशिश की जा रही है, वहीं दूसरी ओर भारत देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल देश के विकास के लिए काम करते हुए नजर आ रहे हैं।  फ्रांस के दौरे के बाद प्रधानमंत्री मुस्लिम बहुल देश यूएई के दौरे पर है यह एक ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा मुस्लिम नागरिक है।

यूएई में अबू धाबी के एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया गया है। साथ ही बुर्ज खलीफा को भी भारत के तिरंगे और प्रधानमंत्री की तस्वीर से रौशन किया गया है। अब इन परिस्थितियों में अगर प्रधानमंत्री मुस्लिम विरोधी होते तो क्या उन्हें मुस्लिम देशों से खुले बाहों से स्वागत किया जाता। यह ना सिर्फ प्रधानमंत्री पर बल्कि देश पर सवाल उठाने वाले विदेशी ताकतों को सोचने की जरूरत है। बल्कि देश में रहकर देश और देश की एकता को चोट पहुंचाने की कोशिश करने वालों के लिए भी सवाल है। प्रधानमंत्री के इन 2 दिन के फ्रांस दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण करार हुए हैं। इस दौरान भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल विमान का करार हुआ इसमें 26 राफेल फाइटर जेट और तीन स्कॉर्पिन पनडुब्बी शामिल है जिससे भारतीय नौसेना को और भी मजबूती मिलेगी। भारतीय नौसेना के पास अभी फाइटर जेट्स और पनडुब्बी की कमी है।

ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)  के दौरे से हुई राफेल और पनडुब्बियों की डील काफी फायदेमंद साबित होने वाली है। राफेल फाइटर जेट स्कोर आई एन एस विक्रांत और आई एन एस विक्रमादित्य पर तैनात किया जाएगा जिससे देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करने में मदद होगी। अभी mig-29 फाइटर जेट्स आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात हैं। प्रधानमंत्री इस समय संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल महायान के साथ कई मुद्दों पर बातचीत करने के लिए यूएई के दौरे पर है।  इस बैठक में दोनों देश ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और रक्षा ऐसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं। प्रधानमंत्री की इन यात्राओं से उन सभी के सवालों के जवाब मिलने लाजमी है जिन्होंने देश पर कई आरोप लगाए हुए हैं। दरअसल संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किया गया अपमान और एक लॉबी के तहत देश को सवालों के घेरे में खड़ा करने की कोशिश जो की गई थी उन पर इन यात्राओं ने अपने आप में ही जवाब दे दिया है।

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