राहुल गांधी ने कर्नाटक के सीएम को लिखा पत्र, कहा- रोहित वेमुला कानून बनाए सरकार, जानें क्या है वजह

यह शर्म की बात है कि आज भी लाखों छात्रों को इस तरह के भेदभाव का सामना करना पड़ता है- राहुल गांधी;

Update: 2025-04-18 12:14 GMT

बेंगलुरु। कर्नाटक में रोहित वेमुला कानून लागू करने की अपील करते हुए राहुल गांधी ने सीएम सिद्धारमैया को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा कि सरकार को 'रोहित वेमुला एक्ट' नाम से कानून बनाना चाहिए, जिसका मकसद शिक्षा प्रणाली में जाति आधारित भेदभाव को खत्म करना होगा। अपने पत्र में राहुल ने डॉ बीआर आंबेडकर का भी जिक्र किया है।

डॉ आंबेडकर के साथ हुई घटनाओं का किया जिक्र

राहुल ने कर्नाटक सीएम को लिखे पत्र में कहा कि ये डॉ. बी.आर. अंबेडकर के शब्द हैं। वे एक लंबी बैलगाड़ी यात्रा के दौरान हुई घटना का वर्णन करते हैं- "हमारे पास भरपूर भोजन था। हमारे भीतर भूख जल रही थी, इन सबके बावजूद हमें बिना भोजन के सोना पड़ा। ऐसा इसलिए था क्योंकि हमें पानी नहीं मिल पा रहा था, और हमें पानी इसलिए नहीं मिल पा रहा था क्योंकि हम अछूत थे।"

वे हमें स्कूल में अपने अनुभव के बारे में बताते हैं- "मैं जानता था कि मैं अछूत हूँ, और अछूतों को कुछ अपमान और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए, मैं जानता था कि स्कूल में मैं अपनी रैंक के अनुसार अपने सहपाठियों के बीच नहीं बैठ सकता था, बल्कि मुझे एक कोने में अकेले बैठना था।"




कर्नाटक सरकार से की अपील

राहुल ने आगे लिखा कि मुझे पता है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने जो झेला वह शर्मनाक था और भारत में किसी भी बच्चे को इसे नहीं सहना चाहिए। यह शर्म की बात है कि आज भी दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदायों के लाखों छात्रों को हमारी शिक्षा प्रणाली में इस तरह के क्रूर भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने लिखा, “रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी जैसे होनहार युवाओं की हत्या बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। अब इस पर सख्ती से रोक लगाने का समय आ गया है। मैं कर्नाटक सरकार से रोहित वेमुला एक्ट लागू करने का आग्रह करता हूं ताकि भारत के किसी भी बच्चे को वह सब न सहना पड़े जो डॉ. बी.आर. अंबेडकर, रोहित वेमुला और लाखों अन्य लोगों को सहना पड़ा है।”




 


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