मणिपुर जैसी हो घटना पश्चिम बंगाल में पर ममता चुप क्यों?
मणिपुर में हुए महिलाओं के साथ बर्बरता का मामला अभी शांत हुआ भी नहीं था कि पश्चिम बंगाल में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है ।पश्चिम बंगाल ग्राम पंचायत की महिला प्रत्याशी ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर छेड़छाड़ और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है । जानकारी मिली है कि यह घटना 8 जुलाई की है ।जिस दिन पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के मतदान होने थे। महिला प्रत्याशी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें और उनके साथ छेड़छाड़ की गई साथी सबके सामने उन्हें बेइज्जत करने की कोशिश भी की।
यह घटना 8 जुलाई की बताई जा रही है। हावड़ा जिले के पांचला इलाके में इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। महिला ने अपनी शिकायत में लिखा है कि तृणमूल कांग्रेस के लगभग 40 उपद्रवियों ने उसे मारा पीटा और मतदान केंद्र के बाहर फेंक दिया था । एफआईआर में तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी हेमंत राय, नूर आलम, अल्फी एसके, रणबीर पांजा, संजू, और सुकमल इन सभी के नाम लिखे गए हैं।
इस मामले में पश्चिम बंगाल भाजपा के सह प्रभारी अमित मालवीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया और कहा कि, ममता बनर्जी को क्या कोई शर्म है ? उनके राज्य सचिवालय से कुछ ही दूरी पर ऐसी घटना होती है वह एक विफल मुख्यमंत्री है और उन्हें पश्चिम बंगाल पर ध्यान देना चाहिए।
दरअसल जब मणिपुर वाला मामला उठा तब ममता बनर्जी ने कड़े शब्दों में घटना की निंदा तो की ही साथ ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर सवाल भी उठाए पर जब उन्हीं के राज्य में ऐसी घटनाएं होती है तो वह चुप हो जाती है । ऐसा क्यों? यह घटना चाहे मणिपुर में घटित हो या पश्चिम बंगाल में दोनों की ही निंदा जितनी की जाए उतनी कम है । एक महिला मुख्यमंत्री के होते हुए इस तरह महिलाओं पर अत्याचार होना उस मुख्यमंत्री पर सवाल खड़े करता है।