आकाश में अपना घर: स्पेस में तैयार हो रहा है नया अंतरिक्ष स्टेशन, लोग और कंपनियां करेंगी इसका उपयोग

नासा के सहयोग से ब्लू ओरिजिन कंपनी एक नया अंतरिक्ष स्टेशन बना रही है, जिसका नाम है ऑर्बिटल रीफ। यह स्टेशन पृथ्वी की निचली कक्षा (Low Earth Orbit) में बनाया जा रहा है।;

Update: 2025-04-17 14:00 GMT

नई दिल्ली (राशी सिंह)। ब्लू ओरिजिन ने हाल ही में ह्यूमन-इन-द-लूप नाम का एक ज़रूरी परीक्षण पूरा किया। इस टेस्ट में कुछ लोग स्टेशन के मॉडल में रहकर अलग-अलग काम करते हैं, ताकि यह देखा जा सके कि वहां रहना और काम करना कितना आसान या कठिन होगा।

क्या-क्या किया गया परीक्षण में?

-इस परीक्षण के दौरान प्रतिभागियों ने ये काम किए:

-सामान लाना-ले जाना (कार्गो ट्रांसफर)

-कचरा फेंकना

-सामान स्टोर करना

-काम करने की जगहों का निरीक्षण

यह सब माइक्रोग्रैविटी यानी गुरुत्वाकर्षण रहित माहौल में किया गया।

नासा ने क्या कहा?

नासा की अधिकारी एंजेला हार्ट ने कहा कि ऐसे परीक्षण बहुत ज़रूरी हैं ताकि यह पता चले कि अंतरिक्ष स्टेशन पर इंसान कितनी आसानी और सुरक्षा से काम कर सकता है। इससे नासा को यह भी पता चलता है कि उसके पार्टनर (जैसे ब्लू ओरिजिन) कितना काम आगे बढ़ा रहे हैं।

स्टेशन के डिजाइन की जांच

-इस परीक्षण में स्टेशन के अलग-अलग हिस्सों का मूल्यांकन किया गया:

-रहने की जगह (Private Crew Quarters)

-खाने का क्षेत्र

-बाथरूम

-प्रयोगशाला

-डॉकिंग और बर्थिंग के स्थान

ब्लू ओरिजिन ने इसके लिए हर मंजिल का अलग मॉडल (mockup) बनाया है। आगे इन मॉडलों को और बेहतर किया जाएगा।

डिजाइन में सुधार की तैयारी

-परीक्षण के दौरान जो बातें देखी गईं, उनसे यह तय किया जाएगा कि:

-स्टेशन में कितनी जगह होनी चाहिए

-चीजें कैसे रखी जाएं

-लोग आसानी से कैसे घूम सकें

-काम करने में कोई दिक्कत तो नहीं होगी

-उपकरणों की स्थिति और उपयोगिता कैसी हो

नासा का भविष्य की ओर कदम

नासा कई कंपनियों को इस तरह के स्टेशन बनाने में मदद कर रहा है। डिज़ाइन और परीक्षण के बाद, नासा इन्हीं कंपनियों से सेवाएं खरीदेगा। इसका लक्ष्य है कि भविष्य में नासा के अलावा भी कई लोग और कंपनियाँ इन स्टेशनों का उपयोग कर सकें।

नासा की अब तक की यात्रा

पिछले लगभग 25 वर्षों से, नासा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की मदद से अंतरिक्ष में इंसानी मौजूदगी बनाए हुए है। अब नासा चाहता है कि भविष्य में निजी कंपनियों के स्टेशन इसका काम आगे बढ़ाएं और पृथ्वी की निचली कक्षा में इंसानों की उपस्थिति बनी रहे।


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